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Bhupal Nobles' University, Udaipur Convocation | भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर दीक्षांत समारोह

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह महाराणा प्रताप स्टेशन रोड, सेवाश्रम सर्कल, उदयपुर। भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय उदयपुर द्वारा वर्ष 2018 से 2024 तक की स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षा में उत्तीर्ण एवं विद्यावाचस्पति (Ph.D.) उपाधिधारियों के लिए दीक्षान्त समारोह 27 मार्च 2025 गुरूवार को प्रातः 10:30 बजे आयोजित करने का निश्चित हुआ है। दीक्षान्त समारोह में 2020 से 2025 तक की विद्यावाचस्पति की उपाधियों तथा स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षाओं में वर्ष 2024 तक प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को उपाधि एवं स्वर्ण पदक प्रदान किए जायेंगे। अतः जो उपाधिधारी उक्त समारोह में उपाधि प्राप्त करने के इच्छुक हों, वे समारोह में उपस्थित होने की लिखित सूचना के साथ स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्रथम वरीयता प्राप्त छात्रों हेतु, पंजीकरण शुल्क ₹500 व उपाधि शुल्क ₹5000 (कुल ₹5500) एवं विद्यावाचस्पति (Ph.D.), शोधार्थी पंजीकरण शुल्क ₹500 व उपाधि शुल्क ₹5000 (कुल ₹5500) नकद अथवा डिमाण्ड ड्राफ्ट भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर के नाम बनाकर कुलसचिव, भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर को दिनांक 17.03.2025 तक ...
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हार्मोनल परिवर्तन के कारण कम उम्र में लड़कियों में हो रहा शारीरिक परिवर्तन

हार्मोनल परिवर्तन के कारण कम उम्र में लड़कियों में हो रहा शारीरिक परिवर्तन प्रदुषण और जंक फूड घटा रहा मुश्किल भरे दिन की उम्र लड़कियों में समय से पहले हार्मोनल चेंज के मामले बढ़ रहे हैं। शारीरिक बदलाव के लिए औसत उम्र 13 से 14 साल मानी जाती है, अब 8 से 11-12 साल में वजन बढ़ने जैसी समस्या आ रही है। कम उम्र में मुश्किल भरे दिनों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो समस्या प्रदुषण और जंक फूड के अत्यधिक सेवन से बढ़ रही है। शरीर में हार्मोनल परिवर्तन, किसी प्रकार की सिस्ट और ट्यूमर जैसे कारण सामने आ रहे हैं। इनके लिए मुख्य कारण निम्न हैं- लड़कियों में हार्मोनल परिवर्तन से पीरियड जल्दी आते हैं। आनुवंशिक समस्या इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। तनाव से भी हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। आयरन तथा विटामिन-डी जैसे पोषण तत्वों की कमी भी हार्मोनल परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं। प्रदुषण के सम्पर्क में रहने पर भी ये समस्या होती है। शरीर में कही भी सिस्ट या ट्यूमर होने पर भी ये सम्भव है। अगर 8 साल से 12 साल की उम्र के बीच किसी बालिका के शरीर में तेजी से परिवर्तन हो तो मुश...

जीभ के रंग एवं आकार से चलेगा पता बीमारियों का

जीभ के रंग एवं आकार से चलेगा पता बीमारियों का अब जीभ के रंग एवं आकार का विश्लेषण करके मधुमेह तथा स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों की भविष्यवाणी की जा सकती है। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया की मिडिल टेक्निकल यूनिवर्सिटी तथा यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर एक कंम्प्यूटर एल्गोरिथम विकसित किया है। इस एल्गोरिथम की सहायता से 98 प्रतिशत यथार्थता से बीमारियों की भविष्यवाणी की जा सकती है। मिडिल टेक्निकल यूनिवर्सिटी के अली अज-नाजी ने बताया कि नई इमेजिंग तकनीक से मधुमेह, यकृत, स्ट्रोक, एनीमिया, अस्थमा, कोविड एवं पेट सम्बन्धी बीमारियों का पता लगाकर इनका उपचार किया जा सकता है।  शोध के अनुसार व्यक्ति के बीमार होने पर जीभ का रंग, आकार एवं मोटाई बदल जाती है, इसीलिए जब भी कोई बीमार व्यक्ति डॉक्टर के पास जाता है, तो डॉक्टर उसे जीभ दिखाने को कहता है। मधुमेह रोग वाले लोगों की जीभ पीली होती है। कैंसर ग्रस्त रोगी की जीभ का रंग बैंगनी होता है। साथ ही उनकी जीभ पर मोटी चिकनी परत होती है। इसी प्रकार स्ट्रोक के रोगियों की जीभ असामान्य रूप से लाल रंग की होती है। सफेद जीभ एनीमिया को दर्शाती है। नीली या बैंगनी रंग...

टायर देखकर चलाएंगे गाड़ी तो नहीं होगा एक्सीडेंट

टायर देखकर चलाएंगे गाड़ी तो नहीं होगा एक्सीडेंट देश में कारों और स्पोर्ट्स गाड़ियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन गाड़ियों के टायर के बारे में अधिक जानकारी नहीं होने की वजह से कई बार सड़क दुर्घटनाएं हो जाती हैं। सभी टायर पर स्पीड रेटिंग लिखी होती है, उसी के अनुसार सड़क पर गाड़ी दौड़ाई जा सकती है।  Information given on tire अधिकतर वाहन चालक को इसके बारे में जानकारी नही होने पर टायर गर्म होने, टायर का प्रेशर बढ़ने से टायर के फटने की आशंका रहती है। देश में यात्री गाड़ियों पर टायर रेटिंग P अंकित रहती है, अर्थात् बस को 150 kmph से अधिक नहीं भगाया जा सकता है। वहीं सामान्य सिडान कारों कारों पर H रेटिंग के टायर आते हैं, जिनकी अधिकतम गति सीमा 210 kmph तक जा सकती है। लग्जरी कारों में रेटिंग Y तक होती है, जो 300 kmph तक भगाई जा सकती हैं।  स्पीड रेटिंग अधिकतम गति (kmph) L 120 M 130 N 140 P 150 Q 160 R 170 H 210 ...

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई की छात्राओं ने इसरो प्रदर्शनी का किया अवलोकन

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई की छात्राओं ने इसरो प्रदर्शनी का किया अवलोकन उदयपुर 14 अगस्त, 2024। भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई के विज्ञान संकाय की छात्राओं ने अरावली तकनीकी संस्थान, उदयपुर में भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान केन्द्र (इसरो) द्वारा आयोजित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष प्रदर्शनी का भौतिक विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ. विमल सारस्वत के नेतृत्व में अवलोकन किया। प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान छात्राओं को इसरो से आए वैज्ञानिक डॉ. एस. पी. व्यास ने अंतरिक्ष संबंधित विभिन्न गतिविधियों के साथ सेटेलाइट (उपग्रह) प्रक्षेपण की कार्यप्रणाली, उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजे जानेवाले रॉकेट, इस प्रक्रिया में लगने वाली लागत, मौसम की सटीक जानकारी के लिए उपग्रह को किस कक्षा में स्थापित किया जाता है, आदि के बारे में विस्तृत जानकरी दी।  इस अवसर पर इसरो की यात्रा को फिल्म प्रदर्शन के माध्यम से दिखाया गया, जिसमें मंगलयान, चन्द्रयान तथा आदित्य मिशन की जानकारी भी प्रदान की गई। छात्राओं ने इसरो द्वारा भविष्य के मिशन, जिसमें गगनयान भी शामिल है, के बारे में वैज्ञानिकों से बात की तथा उनके द्व...

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई की छात्राओं ने किया सौर वैधशाला का भ्रमण

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई की छात्राओं ने किया सौर वैधशाला का भ्रमण उदयपुर 13 अगस्त: भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई की विज्ञान वर्ग की छात्राओं ने भौतिकी विभाग के सहायक आचार्य डाॅ. विमल सारस्वत के नेतृत्व में उदयपुर सौर वैधशाला का भ्रमण किया। सौर वैधशाला द्वारा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के उपलक्ष में इस वर्ष पूरा सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसका शुभारम्भ सोमवार 12 अगस्त को किया गया। इस भ्रमण में विद्यार्थियों ने सौर वैधशाला में सूर्य पर किए जाने वाले अध्ययन के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की। भ्रमण के दौरान विषय विशेषज्ञ डाॅ. अंकाला राजा बयन्ना ने उदयपुर सौर वैधशाला को पानी के मध्य बनाए जाने की उपयोगिता के बारे में बताया। प्रो. शिबू मैथ्यू ने टेलिस्कोप की कार्य प्रणाली तथा इससे किस प्रकार डेटा प्राप्त किया जाता है, यह किस प्रकार सदैव सूर्य की ओर केन्द्रित रहता है, उसकी सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की। डाॅ. रोशन तथा डाॅ. अभिषेक ने सूर्य पर प्राप्त होने वाले धब्बों (sunspot) का क्या प्रभाव पड़ता है, सोलर चक्र (solar cycle) क्या है, कितने समय बाद इसकी पुनरावृत्ति होती है, उसके ब...

समुद्र की अथाह गहराई में प्रकाश की अनुपस्थिति में कैसे हो रहा है ऑक्सीजन का निर्माण

समुद्र की अथाह गहराई में प्रकाश की अनुपस्थिति में कैसे हो रहा है ऑक्सीजन का निर्माण? पत्रिका न्यूज नेटवर्क के अनुसार वैज्ञानिकों की एक अन्तरराष्ट्रीय टीम ने समूद्र में डार्क ऑक्सीजन की खोज की है। टीम के शोध के मुताबिक प्रशांत महासागर के निचले भाग में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन पम्प कर रही है। यह हिस्सा समुद्र की इतनी गहराई में है कि वहां सूरज की रोशनी पहुंचना सम्भव नही है। प्रकाश संश्लेषण क्रिया के बिना ऑक्सीजन का बनना समुचे वैज्ञानिक जगत को हैरान कर रहा है।  नेचर जियोसाइंस जर्नल में छपे शोध के अनुसार समुद्र की सतह से 4000 मीटर गहराई में पूर्ण अंधकारमय होते हुए भी ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। इसे डार्क ऑक्सीजन कहा गया है। अभी तक वैज्ञानिकों का यह मानना था कि सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति में ऑक्सीजन नही बन सकती है। वैज्ञानिकों की यह खोज प्रकाश संश्लेषण की उपस्थिति में ही ऑक्सीजन के निर्माण की धारणा के विरूद्ध है।  एंड्रयू स्वीटमैन के अनुसार पृथ्वी पर जीवन के आरम्भ के लिए ऑक्सीजन आवश्यक थी। अभी तक हम यह मानते रहे हैं कि पृथ्वी पर ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रकाश संश्लेषक जीवों से शुरू हु...

प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती मनाई

 प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती मनाई दिनांक 2 अगस्त, 2024 को विज्ञान भारती - उदयपुर इकाई  (चित्तौड़ प्रांत) एवं पीएम श्री राजकीय फ़तेह सीनियर सेकेंडरी स्कूल, उदयपुर के संयुक्त तत्वाधान में भारतीय रसायन विज्ञान के जनक आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती मनाई गयी। कार्यकम की अध्यक्ष्ता डॉ. अमित गुप्ता एवं डॉ. चेतन पानेरी द्वारा की गयी। इस उपलक्ष में आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जीवनी पर विभिन्न वक्ताओं द्वारा विचार व्यक्त किये गए। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. लोकेश अग्रवाल, सहायक आचार्य, मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा बताया गया की आचार्य रे का जीवन एक शिक्षक, एक वैज्ञानिक एवं स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भारत को समर्पित रहा है। आचार्य रे द्वारा "द हिन्दू केमिस्ट्री" जैसी पुस्तक लिखी गयी जो भारत की प्राचीन उत्कृष्ट विज्ञान शोध को दर्शाती है। डॉ. कमल सिंह राठौड़, बी एन विश्वविद्यालय द्वारा बताया गया कि आचार्य रे द्वारा किस तरह से विपरीत परिस्तिथियों के अंदर बंगाल फार्मास्यूटिकल की स्थापना की गयी और आज भारत देश फार्म क्षेत्र में विश्व में अग्रणी है। डॉ. मोहित गोखरू द्वारा विद्यार्थिय...

चार महीने का बच्चा कैसे बना अरब़पति

चार महीने का बच्चा कैसे बना अरब़पति? जन्म के सिर्फ चार माह बाद यदि कोई बच्चा अरबपति बन जाए तो इसे उसकी किस्मत ही कहेंगे। भारत के एकाग्रह रोहन मूर्ति नाम के बच्चे की किस्मत कुछ इसी प्रकार चमकी है। देश की दूसरी सबसे बड़ी आइटी कम्पनी इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने सोमवार अपने चार महीने के पोते एकाग्रह मूर्ति को 240 करोड़ रूपए के शेयरों की हिस्सेदारी का तोहफा देकर उसे शायद देश का सबसे कम उम्र का अरबपति बना दिया है। BSE की फाइलिंग के अनुसार इंफोसिस में अब एकाग्रह रोहन की 15 लाख शेयरों की हिस्सेदारी हो गई है। इसका मतलब अब एकाग्रह रोहन इंफोसिस का 0.04% का हिस्सेदार है। शेयरों के स्थानान्तरण के बाद नारायण मूर्ति के पास कम्पनी के कुल शेयरों का 0.36% हिस्सा बचा है। जिस समय नारायण मूर्ति द्वारा अपने पोते को शेयर देने की खबर बाई उस समय इंफोसिस के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही थी। एकाग्रह रोहन, नारायण मूर्ति तथा सुधा मूर्ति के बेट रोहन मूर्ति और उनकी पत्नि अर्पणा कृष्णन का बेटा है। आपको यह पता होगा कि नोरायण मूर्ति ने अपनी पत्नि सुधा मूर्ति से 10 हजार रूपए उधार लेकर 1981 में इंफोसिस क...

नारी तू नारायणी टॉपिक पर महिला चित्रकारों ने किया सुन्दर चित्रण

राजस्थान स्थापना दिवस एवं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कंचन आर्ट गैलेरी के तत्वाधान में “नारी तू नारायणी” टॉपिक पर महिला चित्रकारों ने किया सुन्दर चित्रण। कंचन आर्ट गेलरी के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एवं महाशिवरात्री के अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों की महिला चित्रकारों ने पाँच दिन से ऑनलाइन चल रही कार्यशाला में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर “नारी तू नारायणी” टॉपिक पर भगवान शिव और शक्ति के त्याग तप और समर्पण एवं नारी शक्ति के विभिन्न रूपो का चित्रण किया कई महिला चित्रकारों ने देश की प्रसिद्ध महिलाओं जिन्होंने विज्ञान, साहित्य, कला, शिक्षा, सेना, राजनैतिक क्षेत्र, सामाजिक क्षेत्र, कई विभिन्न क्षेत्र में आयाम स्थापित करने वाली महिलाओं का केनवास पर उकेर कर सुन्दर चित्रण किया है। कंचन आर्ट गेलरी की संयोजक डॉ कंचन राठौड़ ने बताया की अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित ऑनलाइन कला प्रदर्शनी में देश के विभिन्न राज्यों की लगभग पचास से अधिक महिला चित्रकारों ने भाग लिया। संयोजक डॉ. कंचन राठौड़ ने बताया की महिला चित्रकारों ने अपनी व्यस्ततम ज़िंदगी में से समय निकालकर निर...

सांवरिया सेठ के भंडारे से निकले सवा ग्यारह करोड़ रूपए

सांवरिया सेठ के भंडारे से निकले सवा ग्यारह करोड़ रूपए चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित प्रख्यात कृष्णधाम श्रीसांवरिया स्थित सांवरा सेठ मंदिर के भंडारे से सवा ग्यारह करोड़ रूपए, 318 ग्राम सोना और लगभग 36 किलो चांदी चढ़ावे के रूप में प्राप्त हुई। मंगलवार 13 फरवरी 2024 को मंदिर भंडारे की तीसरे दौर की गणना की गई, जिसमें 66 लाख 53 हजार 676 रूपए नगद प्राप्त हुई। ऑनलाईन, मनीऑर्डर एवं भेट कक्ष में 2 करोड़ 34 लाख 80 हजार 325 रूपए प्राप्त हुई। इस प्रकार कुल 11 करोड़ 27 लाख 10 हजार एक रूपए प्राप्त हुई।  To follow our blog  click here For similar post  click here Our other websites For Education For Placements   For Bhakti   For Recipes   Our Application Our YouTube channels Sacademy Atharavpur Keywords: सांवरिया सेठ स्टेटस,सांवरिया सेठ दे दे,न्यू सांवरिया जी भजन,गोकुल शर्मा सांवरिया भजन,सांवरिया सेठ,सांवलिया सेठ मंदिर का इतिहास,सांवरिया सेठ भजन,सुण ले सेठां वाला सेठ सांवरिया,सेठ तो सांवरिया सेठ,सांवरिया सेठ मंडफिया,मंडफिया सांवरिया सेठ,सांवरिया सेठ के दर्शन,सांवरिया सेठ न्...

डॉ. राठौड़ को अंतर्राष्ट्रीय कला सम्मान

डॉ कंचन राठौड़ को अंतर्राष्ट्रीय कला सम्मान। दिल्ली में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी कलरफुल सागा नई दिल्ली के लोकायत् आर्ट गैलरी में आयोजित हुई इसमें देश विदेश के चालीस कलाकारों ने भाग लिया जिसमें भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के चित्रकला विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ कंचन राठौड़ को विशिष्ट श्रेणी अंतर्राष्ट्रीय कला सम्मान और कला विभूति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।  आर्ट गैलरी के सचिव रवीन्द्र सिंह ने बताया कि डॉ. राठौड़ को यह पुरस्कार सांस्कृतिक कला को देश विदेश में बढ़ावा देने में दिया गया है डॉ कंचन राठौड़ को दोनो पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय मूर्तिकार मातु राम वर्मा एवम कलाकुंज फ़ाउडेशन की निदेशक राजनी शर्मा ने स्मृतिचिन्ह एवम् प्रमाण पत्र प्रदान कर सममानीत किया। To follow our blog  click here For similar post  click here Our other websites For Education For Placements   For Bhakti   For Recipes   Our Application Our YouTube channels Sacademy Atharavpur Keywords: अंतर्राष्ट्रीय संगठन,झारखंड कला रत्न सम्मान समारोह,झारखंड कला रत्न सम्मान समारोह ...

नशा देने वाले भांग के पौधों से बन रहे कपड़े

नशा देने वाले भांग के पौधों से बन रहे कपड़े । भांग का उपयोग प्रायः नशे में किया जाता है, लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि भांग के पौधे से कपड़े भी बनाए जा रहे हैं। जोधपुर के दो युवाओं अंकित नागौरी तथा आकाश सेन ने स्टार्टअप के तहत यह काम शुरू किया है। इनके द्वारा भांग के पौधों से तैयार कपड़ों का चार देशों में निर्यात हो रहा है। राजस्थान में इस प्रकार का नवाचार करने वाले यही दो युवा हैं। इनका अगला लक्ष्य राजस्थान सरकार के साथ जुड़कर इस प्रोजेक्ट को नया आयाम देना है। दोनों युवाओं ने 2021 में ईको अर्थ नामक स्टार्टअप को धरातल पर उतारा। अंकित ने बताया कि हमारा लक्ष्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि प्रारम्भ में लोगों को समझाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था, परन्तु अब भांग से निर्मित कपड़ों की मांग काफी बढ़ गई है।  भांग के पौधों से बने कपड़े से पेंट-शर्ट के अलावा, जूते, कम्बल, बैग, बेडशीट, टोपी, मौजे और टॉवल भी बनाए जा सकते हैं। साथ ही कंसट्रक्शन मेटेरियल भी बनाया जा सकता है, जिसमें हेम्पक्रीट, प्लास्टर पाउडर मुख्य है। साथ ही भांग के बीज, तेल, दूध और अन्य खाद्य पदार...

सार्वजनिक उत्पीड़न पर ही एससी-एसटी एक्ट

सार्वजनिक उत्पीड़न पर ही एससी-एसटी एक्ट । इलाहाबाइ हाईकोर्ट ने कहा है कि अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी व्यक्ति के साथ घर के अन्दर किसी अन्य व्यक्ति की गैरमौजूदगी में जातिसूचक शब्दों से दुर्व्यवहार हो तो वह एससी-एसटी अत्याचार निवारण कानून के तहत अपराध नहीं होगा। एक मामले में जस्टिस शमीम अहमद ने कहा कि किसी व्यक्ति पर एससी/एसटी अधिनियम की धारा 3(1) (एस) के तहत अपराध के लिए मुकदमा तभी चलाया जा सकता है जब उसने कमजोर वर्ग के व्यक्ति का सार्वजनिक तौर पर अपमान और उत्पीड़न किया हो। सोजन्यः राजस्थान पत्रिका न्यूज For more information see Rajasthan Patrika News Paper   To follow our blog  click here For similar vacancies  click here Our other websites For Education For Placements   For Bhakti   For Recipes   Our Application Our YouTube channels Sacademy Atharavpur Keywords: sc st act,sc st act 1989,sc and st act,sc st act kya hai,sc st act in hindi,sc st act amendment,sc/st act,sc st atrocity act amendments in telugu,sc st act ki dhara,sc act,sc st atr...

उच्च शिक्षाः विद्यार्थी का बनेगा एकेडमिक बैंक रिकॉर्ड

उच्च शिक्षाः विद्यार्थी का बनेगा एकेडमिक बैंक रिकॉर्ड । नई शिक्षा नीति 2020 के तहत विद्यार्थियों का डिजिटल लेखाजोखा रखने की दिशा में काम जारी है। इसके तहत विद्यार्थियों की एबीसी आईडी बनेगी एवं शिक्षा में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट लाने का सुझाव एनईपी 2020 में दिया गया है। इसे यूजीसी की ओर से शीघ्र लागू किया जाएगा। एबीसी का मतलब विद्यार्थी की ओर से उसकी पढ़ाई के दौरान मिले क्रेडिट का स्टोर हाउस है। ये स्टोर हाउस वर्चूअल या डिजिटल होगा। इसमें स्टूडेट की ओर से जिन संस्थानों में जो पढ़ाई की है उसका पूरा लेखाजोखा, उसका प्रदर्शन और मुख्य रूप से स्टूडेंट की ओर से प्राप्त किए गए क्रेडिट को शामिल किया जाएगा। इनका प्रयोग पूरी पढ़ाई के दौरान कई जगह और कई तरीके से कर सकेगा। इसके माध्यम से कॉलेजों में मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट का ऑप्शन मिलेगा। इससे विद्यार्थी अपना खाता खोल सकते हैं और किसी भी कॉलेज में प्रवेश ले सकते हैं या उसे छोड़ सकते हैं। इसके लिए उन्हें अलग से दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी। इन क्रेडिट की सहायता से वे प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकते हैं। एबीसी के माध्यम से क्रेडिट हर जगह ट्रा...