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भारतीय रसायन के पिता आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती पर व्याख्यान का आयोजन

भारतीय रसायन के पिता आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती पर व्याख्यान का आयोजन विज्ञान भारती उदयपुर इकाई एवं बीएन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, बीएन विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम सम्पन्न उदयपुर, 2 अगस्त। भारतीय रसायन के पिता आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती के अवसर पर विज्ञान भारती उदयपुर इकाई (चित्तौड़ प्रांत) एवं बीएन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, बीएन विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य आचार्य पी.सी. रे के वैज्ञानिक योगदान एवं उनके देशभक्ति से ओतप्रोत जीवन पर प्रकाश डालना था। ज्ञातव्य है कि भारत की पहली फार्मा कंपनी आचार्य रे ने ही बंगाल केमिकल एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, कोलकाता में 1901 में प्रारंभ की थी। कार्यक्रम में विज्ञान भारती के उद्देश्य एवं गतिविधियों की जानकारी डॉ. अमित गुप्ता द्वारा दी गई। आचार्य पी.सी. रे के जीवन और कार्यों पर मुख्य व्याख्यान डॉ. लोकेश अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि कैसे आचार्य रे ने विज्ञान को समाज की सेवा का माध्यम बनाया और रसायन विज्ञान में भारत को आत्मनिर्भर बनान...
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अब औरत को लुगाई पढेंगे बच्चे

अब नई शिक्षा नीति के तहत मातृ भाषा में होगी प्राथमिक स्तर तक की पढ़ाई, औरत को लुगाई पढेंगे बच्चे शेखावटी के प्राथमिक स्कूलों के विद्यार्थी अब औरत को लुगाई, आग को बासते और इंसान को मिनख पढ़ते नजर आएंगे। नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक कक्षाओं में मातृ भाषा में शिक्षा देने की नीति लागू होने से ऐसा होगा। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान ने प्रदेश में संभागवार भाषाई सर्वेक्षण करवाकर स्थानीय भाषा के शब्द कोष तैयार करवाए हैं। शेखावटी के शब्द कोष में शोर को रोला, आदत को बाण, इधर को अठीने, इंतजार को उडीकणों, इकट्ठा को भैळो एवं सांवठो, अध्ययन को पढ़णो, आवास को ठिकाणो, इतना को अतरो, इनकार को नटणों, इसके लिए को इकेपाई एवं अधिक बोलने को लपर-लपर कहा गया है। नई शिक्षा नीति के लिए बच्चों-शिक्षकों की भाषा से शब्दकोष तैयार किया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत हुए सर्वेक्षण में प्राथमिक कक्षा के बच्चों की भाषा एवं पढ़ाने वाले शिक्षक की भाषा की जानकारी ली गई थी। इसमें बच्चों के नाम के साथ उनके घर की भाषा, शिक्षक की भाषा, स्कूल का माध्यम, भाषा को समझने एवं बोलने की विद्यार्थियों की क्षम...

अब हर माह चार रात्रि गांवों में विश्राम करेंगे शिक्षा अधिकारी

अब हर माह चार रात्रि गांवों में विश्राम करेंगे शिक्षा अधिकारी - शिक्षा विभाग का आया नया फरमान प्रशासनिक अधिकारियों की तरह शिक्षा विभाग के PEEP और इससे ऊपर के अधिकारियों को अब हर माह चार बार गांवों में रात्रि विश्राम करना होगा। शिक्षा अधिकारी रात 6 बजे से सुबह 6 बजे तक गांवों में रूकेंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए विभागीय पोर्टल पर रात्रि विश्राम की रिपोर्ट दर्ज करना अनिवार्य है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने निर्देश जारी कर पालना की हिदायत दी है। यह सर्वविदित है कि संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर समेत प्रशासनिक अधिकारियों को भी गांवों में रात्रि विश्राम करना होता है। रात्रि विश्राम के दौरान शिक्षा अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण कर शिक्षण व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। साथ की वे स्टाफ से संवाद और समस्याओं की जानकारी लेंगे। इसके अलावा विद्यालय भवन, पेयजल एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं की जांच करेंगे। विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर की पड़ताल करेंगे। ग्रामीणों, अभिभावकों और बच्चों से फीडबैक भी लेंगे। बता दें कि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने 24 अप्रेल को इसकी घोषणा की थी, इसके बाद 29 मई को निदेशाल...

कैसे होती है कृत्रिम वर्षा और यह क्यों है जरूरी

कैसे होती है कृत्रिम वर्षा और यह क्यों जरूरी है? दिल्ली सरकार स्मॉग और प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए अब क्लाउड सीडिंग यानि कृत्रिम बारिश पर विचार कर रही है। आइआइटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने इसके लिए एक खास प्रोजेक्ट तैयार किया है। यदि परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो इसका ट्रायल किया जाएगा। क्लाउड सीडिंग की सफलता हवा में नमी की मात्रा, बादलों की उपस्थिति और स्थानीय वायुमण्डलीय स्थितियों पर निर्भर करती है। अध्ययनों के अनुसार क्लाउड सीडिंग से बारिश कराने की सफलता लगभग 60 से 70 प्रतिशत मानी जाती है। कृत्रिम वर्षा में रसायनों की मदद से बादलों से बारिश कराई जाती है। इसमें सिल्वर आयोडाइड, आयोडीन नमक और रॉक सॉल्ट जैसे पदार्थों के मिश्रण को विमान या ड्रोन के जरिए बादलों में छिड़का जाता है। इससे पानी की बूंदें बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और इससे बारिश हो जाती है। कृत्रिम वर्षा मानव निर्मित होती है, जबकि स्वाभाविक वर्षा प्राकृतिक तत्वों पर निर्भर है। क्लाउड सीडिंग उन बादलों पर काम करती है, जिनमें बारिश की संभावना होती है, परन्तु प्राकृतिक परिस्थितियों के चलते वे बारिश नही कर पाते हैं, इस...

Bhupal Nobles' University, Udaipur Convocation | भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर दीक्षांत समारोह

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह महाराणा प्रताप स्टेशन रोड, सेवाश्रम सर्कल, उदयपुर। भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय उदयपुर द्वारा वर्ष 2018 से 2024 तक की स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षा में उत्तीर्ण एवं विद्यावाचस्पति (Ph.D.) उपाधिधारियों के लिए दीक्षान्त समारोह 27 मार्च 2025 गुरूवार को प्रातः 10:30 बजे आयोजित करने का निश्चित हुआ है। दीक्षान्त समारोह में 2020 से 2025 तक की विद्यावाचस्पति की उपाधियों तथा स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षाओं में वर्ष 2024 तक प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को उपाधि एवं स्वर्ण पदक प्रदान किए जायेंगे। अतः जो उपाधिधारी उक्त समारोह में उपाधि प्राप्त करने के इच्छुक हों, वे समारोह में उपस्थित होने की लिखित सूचना के साथ स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्रथम वरीयता प्राप्त छात्रों हेतु, पंजीकरण शुल्क ₹500 व उपाधि शुल्क ₹5000 (कुल ₹5500) एवं विद्यावाचस्पति (Ph.D.), शोधार्थी पंजीकरण शुल्क ₹500 व उपाधि शुल्क ₹5000 (कुल ₹5500) नकद अथवा डिमाण्ड ड्राफ्ट भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर के नाम बनाकर कुलसचिव, भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर को दिनांक 17.03.2025 तक ...

हार्मोनल परिवर्तन के कारण कम उम्र में लड़कियों में हो रहा शारीरिक परिवर्तन

हार्मोनल परिवर्तन के कारण कम उम्र में लड़कियों में हो रहा शारीरिक परिवर्तन प्रदुषण और जंक फूड घटा रहा मुश्किल भरे दिन की उम्र लड़कियों में समय से पहले हार्मोनल चेंज के मामले बढ़ रहे हैं। शारीरिक बदलाव के लिए औसत उम्र 13 से 14 साल मानी जाती है, अब 8 से 11-12 साल में वजन बढ़ने जैसी समस्या आ रही है। कम उम्र में मुश्किल भरे दिनों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो समस्या प्रदुषण और जंक फूड के अत्यधिक सेवन से बढ़ रही है। शरीर में हार्मोनल परिवर्तन, किसी प्रकार की सिस्ट और ट्यूमर जैसे कारण सामने आ रहे हैं। इनके लिए मुख्य कारण निम्न हैं- लड़कियों में हार्मोनल परिवर्तन से पीरियड जल्दी आते हैं। आनुवंशिक समस्या इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। तनाव से भी हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। आयरन तथा विटामिन-डी जैसे पोषण तत्वों की कमी भी हार्मोनल परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं। प्रदुषण के सम्पर्क में रहने पर भी ये समस्या होती है। शरीर में कही भी सिस्ट या ट्यूमर होने पर भी ये सम्भव है। अगर 8 साल से 12 साल की उम्र के बीच किसी बालिका के शरीर में तेजी से परिवर्तन हो तो मुश...

जीभ के रंग एवं आकार से चलेगा पता बीमारियों का

जीभ के रंग एवं आकार से चलेगा पता बीमारियों का अब जीभ के रंग एवं आकार का विश्लेषण करके मधुमेह तथा स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों की भविष्यवाणी की जा सकती है। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया की मिडिल टेक्निकल यूनिवर्सिटी तथा यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर एक कंम्प्यूटर एल्गोरिथम विकसित किया है। इस एल्गोरिथम की सहायता से 98 प्रतिशत यथार्थता से बीमारियों की भविष्यवाणी की जा सकती है। मिडिल टेक्निकल यूनिवर्सिटी के अली अज-नाजी ने बताया कि नई इमेजिंग तकनीक से मधुमेह, यकृत, स्ट्रोक, एनीमिया, अस्थमा, कोविड एवं पेट सम्बन्धी बीमारियों का पता लगाकर इनका उपचार किया जा सकता है।  शोध के अनुसार व्यक्ति के बीमार होने पर जीभ का रंग, आकार एवं मोटाई बदल जाती है, इसीलिए जब भी कोई बीमार व्यक्ति डॉक्टर के पास जाता है, तो डॉक्टर उसे जीभ दिखाने को कहता है। मधुमेह रोग वाले लोगों की जीभ पीली होती है। कैंसर ग्रस्त रोगी की जीभ का रंग बैंगनी होता है। साथ ही उनकी जीभ पर मोटी चिकनी परत होती है। इसी प्रकार स्ट्रोक के रोगियों की जीभ असामान्य रूप से लाल रंग की होती है। सफेद जीभ एनीमिया को दर्शाती है। नीली या बैंगनी रंग...

टायर देखकर चलाएंगे गाड़ी तो नहीं होगा एक्सीडेंट

टायर देखकर चलाएंगे गाड़ी तो नहीं होगा एक्सीडेंट देश में कारों और स्पोर्ट्स गाड़ियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन गाड़ियों के टायर के बारे में अधिक जानकारी नहीं होने की वजह से कई बार सड़क दुर्घटनाएं हो जाती हैं। सभी टायर पर स्पीड रेटिंग लिखी होती है, उसी के अनुसार सड़क पर गाड़ी दौड़ाई जा सकती है।  Information given on tire अधिकतर वाहन चालक को इसके बारे में जानकारी नही होने पर टायर गर्म होने, टायर का प्रेशर बढ़ने से टायर के फटने की आशंका रहती है। देश में यात्री गाड़ियों पर टायर रेटिंग P अंकित रहती है, अर्थात् बस को 150 kmph से अधिक नहीं भगाया जा सकता है। वहीं सामान्य सिडान कारों कारों पर H रेटिंग के टायर आते हैं, जिनकी अधिकतम गति सीमा 210 kmph तक जा सकती है। लग्जरी कारों में रेटिंग Y तक होती है, जो 300 kmph तक भगाई जा सकती हैं।  स्पीड रेटिंग अधिकतम गति (kmph) L 120 M 130 N 140 P 150 Q 160 R 170 H 210 ...

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई की छात्राओं ने इसरो प्रदर्शनी का किया अवलोकन

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई की छात्राओं ने इसरो प्रदर्शनी का किया अवलोकन उदयपुर 14 अगस्त, 2024। भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई के विज्ञान संकाय की छात्राओं ने अरावली तकनीकी संस्थान, उदयपुर में भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान केन्द्र (इसरो) द्वारा आयोजित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष प्रदर्शनी का भौतिक विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ. विमल सारस्वत के नेतृत्व में अवलोकन किया। प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान छात्राओं को इसरो से आए वैज्ञानिक डॉ. एस. पी. व्यास ने अंतरिक्ष संबंधित विभिन्न गतिविधियों के साथ सेटेलाइट (उपग्रह) प्रक्षेपण की कार्यप्रणाली, उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजे जानेवाले रॉकेट, इस प्रक्रिया में लगने वाली लागत, मौसम की सटीक जानकारी के लिए उपग्रह को किस कक्षा में स्थापित किया जाता है, आदि के बारे में विस्तृत जानकरी दी।  इस अवसर पर इसरो की यात्रा को फिल्म प्रदर्शन के माध्यम से दिखाया गया, जिसमें मंगलयान, चन्द्रयान तथा आदित्य मिशन की जानकारी भी प्रदान की गई। छात्राओं ने इसरो द्वारा भविष्य के मिशन, जिसमें गगनयान भी शामिल है, के बारे में वैज्ञानिकों से बात की तथा उनके द्व...

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई की छात्राओं ने किया सौर वैधशाला का भ्रमण

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई की छात्राओं ने किया सौर वैधशाला का भ्रमण उदयपुर 13 अगस्त: भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई की विज्ञान वर्ग की छात्राओं ने भौतिकी विभाग के सहायक आचार्य डाॅ. विमल सारस्वत के नेतृत्व में उदयपुर सौर वैधशाला का भ्रमण किया। सौर वैधशाला द्वारा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के उपलक्ष में इस वर्ष पूरा सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसका शुभारम्भ सोमवार 12 अगस्त को किया गया। इस भ्रमण में विद्यार्थियों ने सौर वैधशाला में सूर्य पर किए जाने वाले अध्ययन के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की। भ्रमण के दौरान विषय विशेषज्ञ डाॅ. अंकाला राजा बयन्ना ने उदयपुर सौर वैधशाला को पानी के मध्य बनाए जाने की उपयोगिता के बारे में बताया। प्रो. शिबू मैथ्यू ने टेलिस्कोप की कार्य प्रणाली तथा इससे किस प्रकार डेटा प्राप्त किया जाता है, यह किस प्रकार सदैव सूर्य की ओर केन्द्रित रहता है, उसकी सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की। डाॅ. रोशन तथा डाॅ. अभिषेक ने सूर्य पर प्राप्त होने वाले धब्बों (sunspot) का क्या प्रभाव पड़ता है, सोलर चक्र (solar cycle) क्या है, कितने समय बाद इसकी पुनरावृत्ति होती है, उसके ब...

समुद्र की अथाह गहराई में प्रकाश की अनुपस्थिति में कैसे हो रहा है ऑक्सीजन का निर्माण

समुद्र की अथाह गहराई में प्रकाश की अनुपस्थिति में कैसे हो रहा है ऑक्सीजन का निर्माण? पत्रिका न्यूज नेटवर्क के अनुसार वैज्ञानिकों की एक अन्तरराष्ट्रीय टीम ने समूद्र में डार्क ऑक्सीजन की खोज की है। टीम के शोध के मुताबिक प्रशांत महासागर के निचले भाग में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन पम्प कर रही है। यह हिस्सा समुद्र की इतनी गहराई में है कि वहां सूरज की रोशनी पहुंचना सम्भव नही है। प्रकाश संश्लेषण क्रिया के बिना ऑक्सीजन का बनना समुचे वैज्ञानिक जगत को हैरान कर रहा है।  नेचर जियोसाइंस जर्नल में छपे शोध के अनुसार समुद्र की सतह से 4000 मीटर गहराई में पूर्ण अंधकारमय होते हुए भी ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। इसे डार्क ऑक्सीजन कहा गया है। अभी तक वैज्ञानिकों का यह मानना था कि सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति में ऑक्सीजन नही बन सकती है। वैज्ञानिकों की यह खोज प्रकाश संश्लेषण की उपस्थिति में ही ऑक्सीजन के निर्माण की धारणा के विरूद्ध है।  एंड्रयू स्वीटमैन के अनुसार पृथ्वी पर जीवन के आरम्भ के लिए ऑक्सीजन आवश्यक थी। अभी तक हम यह मानते रहे हैं कि पृथ्वी पर ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रकाश संश्लेषक जीवों से शुरू हु...

प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती मनाई

 प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती मनाई दिनांक 2 अगस्त, 2024 को विज्ञान भारती - उदयपुर इकाई  (चित्तौड़ प्रांत) एवं पीएम श्री राजकीय फ़तेह सीनियर सेकेंडरी स्कूल, उदयपुर के संयुक्त तत्वाधान में भारतीय रसायन विज्ञान के जनक आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती मनाई गयी। कार्यकम की अध्यक्ष्ता डॉ. अमित गुप्ता एवं डॉ. चेतन पानेरी द्वारा की गयी। इस उपलक्ष में आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जीवनी पर विभिन्न वक्ताओं द्वारा विचार व्यक्त किये गए। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. लोकेश अग्रवाल, सहायक आचार्य, मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा बताया गया की आचार्य रे का जीवन एक शिक्षक, एक वैज्ञानिक एवं स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भारत को समर्पित रहा है। आचार्य रे द्वारा "द हिन्दू केमिस्ट्री" जैसी पुस्तक लिखी गयी जो भारत की प्राचीन उत्कृष्ट विज्ञान शोध को दर्शाती है। डॉ. कमल सिंह राठौड़, बी एन विश्वविद्यालय द्वारा बताया गया कि आचार्य रे द्वारा किस तरह से विपरीत परिस्तिथियों के अंदर बंगाल फार्मास्यूटिकल की स्थापना की गयी और आज भारत देश फार्म क्षेत्र में विश्व में अग्रणी है। डॉ. मोहित गोखरू द्वारा विद्यार्थिय...

चार महीने का बच्चा कैसे बना अरब़पति

चार महीने का बच्चा कैसे बना अरब़पति? जन्म के सिर्फ चार माह बाद यदि कोई बच्चा अरबपति बन जाए तो इसे उसकी किस्मत ही कहेंगे। भारत के एकाग्रह रोहन मूर्ति नाम के बच्चे की किस्मत कुछ इसी प्रकार चमकी है। देश की दूसरी सबसे बड़ी आइटी कम्पनी इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने सोमवार अपने चार महीने के पोते एकाग्रह मूर्ति को 240 करोड़ रूपए के शेयरों की हिस्सेदारी का तोहफा देकर उसे शायद देश का सबसे कम उम्र का अरबपति बना दिया है। BSE की फाइलिंग के अनुसार इंफोसिस में अब एकाग्रह रोहन की 15 लाख शेयरों की हिस्सेदारी हो गई है। इसका मतलब अब एकाग्रह रोहन इंफोसिस का 0.04% का हिस्सेदार है। शेयरों के स्थानान्तरण के बाद नारायण मूर्ति के पास कम्पनी के कुल शेयरों का 0.36% हिस्सा बचा है। जिस समय नारायण मूर्ति द्वारा अपने पोते को शेयर देने की खबर बाई उस समय इंफोसिस के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही थी। एकाग्रह रोहन, नारायण मूर्ति तथा सुधा मूर्ति के बेट रोहन मूर्ति और उनकी पत्नि अर्पणा कृष्णन का बेटा है। आपको यह पता होगा कि नोरायण मूर्ति ने अपनी पत्नि सुधा मूर्ति से 10 हजार रूपए उधार लेकर 1981 में इंफोसिस क...

नारी तू नारायणी टॉपिक पर महिला चित्रकारों ने किया सुन्दर चित्रण

राजस्थान स्थापना दिवस एवं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कंचन आर्ट गैलेरी के तत्वाधान में “नारी तू नारायणी” टॉपिक पर महिला चित्रकारों ने किया सुन्दर चित्रण। कंचन आर्ट गेलरी के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एवं महाशिवरात्री के अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों की महिला चित्रकारों ने पाँच दिन से ऑनलाइन चल रही कार्यशाला में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर “नारी तू नारायणी” टॉपिक पर भगवान शिव और शक्ति के त्याग तप और समर्पण एवं नारी शक्ति के विभिन्न रूपो का चित्रण किया कई महिला चित्रकारों ने देश की प्रसिद्ध महिलाओं जिन्होंने विज्ञान, साहित्य, कला, शिक्षा, सेना, राजनैतिक क्षेत्र, सामाजिक क्षेत्र, कई विभिन्न क्षेत्र में आयाम स्थापित करने वाली महिलाओं का केनवास पर उकेर कर सुन्दर चित्रण किया है। कंचन आर्ट गेलरी की संयोजक डॉ कंचन राठौड़ ने बताया की अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित ऑनलाइन कला प्रदर्शनी में देश के विभिन्न राज्यों की लगभग पचास से अधिक महिला चित्रकारों ने भाग लिया। संयोजक डॉ. कंचन राठौड़ ने बताया की महिला चित्रकारों ने अपनी व्यस्ततम ज़िंदगी में से समय निकालकर निर...

सांवरिया सेठ के भंडारे से निकले सवा ग्यारह करोड़ रूपए

सांवरिया सेठ के भंडारे से निकले सवा ग्यारह करोड़ रूपए चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित प्रख्यात कृष्णधाम श्रीसांवरिया स्थित सांवरा सेठ मंदिर के भंडारे से सवा ग्यारह करोड़ रूपए, 318 ग्राम सोना और लगभग 36 किलो चांदी चढ़ावे के रूप में प्राप्त हुई। मंगलवार 13 फरवरी 2024 को मंदिर भंडारे की तीसरे दौर की गणना की गई, जिसमें 66 लाख 53 हजार 676 रूपए नगद प्राप्त हुई। ऑनलाईन, मनीऑर्डर एवं भेट कक्ष में 2 करोड़ 34 लाख 80 हजार 325 रूपए प्राप्त हुई। इस प्रकार कुल 11 करोड़ 27 लाख 10 हजार एक रूपए प्राप्त हुई।  To follow our blog  click here For similar post  click here Our other websites For Education For Placements   For Bhakti   For Recipes   Our Application Our YouTube channels Sacademy Atharavpur Keywords: सांवरिया सेठ स्टेटस,सांवरिया सेठ दे दे,न्यू सांवरिया जी भजन,गोकुल शर्मा सांवरिया भजन,सांवरिया सेठ,सांवलिया सेठ मंदिर का इतिहास,सांवरिया सेठ भजन,सुण ले सेठां वाला सेठ सांवरिया,सेठ तो सांवरिया सेठ,सांवरिया सेठ मंडफिया,मंडफिया सांवरिया सेठ,सांवरिया सेठ के दर्शन,सांवरिया सेठ न्...