Skip to main content

भारतीय रसायन के पिता आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती पर व्याख्यान का आयोजन

भारतीय रसायन के पिता आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती पर व्याख्यान का आयोजन विज्ञान भारती उदयपुर इकाई एवं बीएन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, बीएन विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम सम्पन्न उदयपुर, 2 अगस्त। भारतीय रसायन के पिता आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती के अवसर पर विज्ञान भारती उदयपुर इकाई (चित्तौड़ प्रांत) एवं बीएन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, बीएन विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य आचार्य पी.सी. रे के वैज्ञानिक योगदान एवं उनके देशभक्ति से ओतप्रोत जीवन पर प्रकाश डालना था। ज्ञातव्य है कि भारत की पहली फार्मा कंपनी आचार्य रे ने ही बंगाल केमिकल एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, कोलकाता में 1901 में प्रारंभ की थी। कार्यक्रम में विज्ञान भारती के उद्देश्य एवं गतिविधियों की जानकारी डॉ. अमित गुप्ता द्वारा दी गई। आचार्य पी.सी. रे के जीवन और कार्यों पर मुख्य व्याख्यान डॉ. लोकेश अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि कैसे आचार्य रे ने विज्ञान को समाज की सेवा का माध्यम बनाया और रसायन विज्ञान में भारत को आत्मनिर्भर बनान...

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई की छात्राओं ने किया सौर वैधशाला का भ्रमण

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई की छात्राओं ने किया सौर वैधशाला का भ्रमण

उदयपुर 13 अगस्त: भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय कन्या इकाई की विज्ञान वर्ग की छात्राओं ने भौतिकी विभाग के सहायक आचार्य डाॅ. विमल सारस्वत के नेतृत्व में उदयपुर सौर वैधशाला का भ्रमण किया। सौर वैधशाला द्वारा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के उपलक्ष में इस वर्ष पूरा सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसका शुभारम्भ सोमवार 12 अगस्त को किया गया। इस भ्रमण में विद्यार्थियों ने सौर वैधशाला में सूर्य पर किए जाने वाले अध्ययन के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की। भ्रमण के दौरान विषय विशेषज्ञ डाॅ. अंकाला राजा बयन्ना ने उदयपुर सौर वैधशाला को पानी के मध्य बनाए जाने की उपयोगिता के बारे में बताया। प्रो. शिबू मैथ्यू ने टेलिस्कोप की कार्य प्रणाली तथा इससे किस प्रकार डेटा प्राप्त किया जाता है, यह किस प्रकार सदैव सूर्य की ओर केन्द्रित रहता है, उसकी सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की। डाॅ. रोशन तथा डाॅ. अभिषेक ने सूर्य पर प्राप्त होने वाले धब्बों (sunspot) का क्या प्रभाव पड़ता है, सोलर चक्र (solar cycle) क्या है, कितने समय बाद इसकी पुनरावृत्ति होती है, उसके बारे में विद्यार्थियों को पोस्टर के माध्यम से समझाया। डाॅ. गिरजेश मेहता ने लेक्चर के माध्यम से चंद्रयान-3 मिशन के सफल प्रक्षेपण, विक्रम लैण्डर की साॅफ्ट लैंडिंग, आदित्य एल-1 मिशन क्या है, लैग्रान्ज बिन्दु पर इसके स्थापित करने के पीछे क्या उद्देश्य रहा है, की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की। कुशाग्र उपाध्याय ने सूर्य के अध्ययन के लिए प्रयुक्त विभिन्न रिसिवर किस प्रकार उपयोगी हैं, किस रिसिवर का उपयोग कितने हर्ट्ज की आवृत्ति के मापन में होता है। इन सबके बारे में विस्तारपूर्वक बताया। डाॅ. ब्रजेश कुमार ने ई-कैलिस्टो सोलर स्पेक्ट्रोमीटर, वैश्विक दोलन नेटवर्क समूह अर्थात् गोंग के बारे में बताया कि किस प्रकार गोंग में 24 x 7 प्रेक्षण लिए जाते हैं तथा गोंग में सूर्यास्त क्यों नही होता है, के बारे जानकारी प्रदान की। 

इस अवसर पर प्रो. नंदिता श्रीवास्तव, डाॅ. भुवन जोशी तथा डाॅ. रमितेन्द्रनाथ भट्टाचार्य भी उपस्थित थे, जिनसे विद्यार्थियों ने अपनी जिज्ञासा शान्त करने के लिए सूर्य के अध्ययन से सम्बन्धित प्रश्न पूछे। इस भ्रमण में भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के 20 विद्यार्थियों ने भाग लिया। 






फतेह सागर के मध्य उदयपुर सौर वैधशाला  की दूरदर्शी की कार्य प्रणाली के लिए गए विद्यार्थियों का समूह






उदयपुर सौर वैधशाला में पोस्टर के माध्यम से जानकारी प्राप्त करते हुए विद्यार्थीस  


महाविद्यालय अधिष्ठाता डाॅ. शिल्पा राठौड़ ने इस प्रकार के अकादमिक भ्रमण को छात्र हित में बताया। विश्वविद्यालय के चैयरपर्सन प्रो. कर्नल शिवसिंह सारंगदेवोत, भूपाल नोबल्स संस्थान के मंत्री डाॅ. महेन्द्र सिंह आगरिया, प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह राठौड़ ने इस प्रकार के आयोजन के लिए संकाय सदस्यों एवं विद्यार्थियों को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि छात्राओं को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यावहारिक अनुभवों से भी अवगत होना अत्यंत आवश्यक है।

To follow our blog click here

For similar post click here


Our other websites

For Education

For Placements 

For Bhakti 

For Recipes 

Our Application



Our YouTube channels

Sacademy

Atharavpur


Keywords:

solar observatory,solar observatory udaipur,solar observatory fatehsagar udaipur,solar observatory fatehsagar lake udaipur,udaipur solar observatory,solar observatory fatehsagar,lake fatehsagar solar observatory,udaipur,solar,solar observatory conducts research,udaipur latest news,udaipur latest,latest news udaipur,observatory,udaipur updates,solar dynamics observatory,high altitude observatory,solar dynamics observatory (satellite)



Comments

Popular posts from this blog

Advanced Calculus | Mathematics | BSc

Advanced Calculus Advanced Differential Calculus, Integral Calculus and Vector Calculus Authors: Dr. Vimal Saraswat, Dr. Anil Kumar Menaria ISBN : 978-81-7906-950-9 Price: Rs. 375.00 Publisher: Himanshu Publications, Hiran Magri Udaipur; Himanshu Publications Prakash House, Ansari Road, New Delhi E-mail :  info@sacademy.co.in Phone:  +91 9664392614 To buy this book click on the link Advanced Calculus by Saraswat This book includes the following topics  Continuity Introduction Limit Left and right limit To find the R.H.L. and L.H.L. of a function Existence of limit)/li> Distinction between the value and limit of a function Some theorems based on limits Methods of finding the limit of functions Some standard limits Cauchy’s definition of continuity Continuity from left and right Continuity of a function in an interval Continuity in the open interval); Continuity in the closed in...

Calculus | Mathematics | BSc

Calculus Differential Calculus, Integral Calculus and Differential Equation Authors: Dr. Vimal Saraswat, Dr. Anil Kumar Menaria, Dr. Chandrapal Singh Chouhan ISBN : 978-93-94954-67-0 Price: Rs. 395.00  Publisher: Himanshu Publications, Hiran Magri Udaipur; Himanshu Publications Prakash House, Ansari Road, New Delhi E-mail : info@sacademy.co.in Phone:  +91 9664392614 To buy this book click on Calculus by Saraswat This book includes the following topics  Pedal Equations and Derivative of the Length of an Arc Polar co-ordinates Relation between cartesian and polar co-ordinates Angle between radius vector and tangent Angle of intersection of two polar curves Polar tangent, subtangent, normal, subnormal and their lengths Perpendicular from pole to tangent and its length Pedal equation Differential coefficient of length of the arc When the equation of curve is in cartesian form (x, y); When the equation of curve is in ...

आवेश तथा उसके गुण | Charge and its properties in Hindi

आवेश तथा उसके गुण आवेश क्या है कोई नहीं जानता कि आवेश क्या है, केवल हम यह जानते हैं कि आवेश क्या कर सकता है तथा इसके गुण क्या हैं ? आवेश के प्रकार आवेश दो प्रकार के होते हैं, धनावेश तथा ऋणावेश। धनावेश प्रोटॉन के कारण होता है तथा ऋणावेश इलेक्ट्रॉन के कारण। तीसरे प्रकार का कोई आवेश ब्रहाण्ड में विद्यमान नहीं है। आवेश का क्वांटीकरण आवेश सदैव पैकेट के रूप में होता है, सतत्‌ नहीं। किसी वस्तु को दिया गया आवेश सदैव एक न्यूनतम आवेश का पूर्ण गुणज होता है यह न्यूनतम आवेश इलेक्ट्रॉन के आवेश के बराबर होता है, जिसका मान e = 1.6*10 -19 C होता है। q = ne,        यहां n = 0, 1, 2, ... आवेश संरक्षण का नियम आवेश को न तो उत्पन्न किया जा सकता है तथा न ही नष्ट किया जा सकता है, परन्तु इसे निकाय के एक भाग से दूसरे भाग में स्थानान्तरित किया जा सकता है। किसी विलगित निकाय का आवेश सदैव संरक्षित रहता है। Σq i = नियत,           यहां q i = iवे कण का आवेश आवेश के गुण स्थिर विद्युत आव...