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Bhupal Nobles' University, Udaipur Convocation | भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर दीक्षांत समारोह

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह महाराणा प्रताप स्टेशन रोड, सेवाश्रम सर्कल, उदयपुर। भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय उदयपुर द्वारा वर्ष 2018 से 2024 तक की स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षा में उत्तीर्ण एवं विद्यावाचस्पति (Ph.D.) उपाधिधारियों के लिए दीक्षान्त समारोह 27 मार्च 2025 गुरूवार को प्रातः 10:30 बजे आयोजित करने का निश्चित हुआ है। दीक्षान्त समारोह में 2020 से 2025 तक की विद्यावाचस्पति की उपाधियों तथा स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षाओं में वर्ष 2024 तक प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को उपाधि एवं स्वर्ण पदक प्रदान किए जायेंगे। अतः जो उपाधिधारी उक्त समारोह में उपाधि प्राप्त करने के इच्छुक हों, वे समारोह में उपस्थित होने की लिखित सूचना के साथ स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्रथम वरीयता प्राप्त छात्रों हेतु, पंजीकरण शुल्क ₹500 व उपाधि शुल्क ₹5000 (कुल ₹5500) एवं विद्यावाचस्पति (Ph.D.), शोधार्थी पंजीकरण शुल्क ₹500 व उपाधि शुल्क ₹5000 (कुल ₹5500) नकद अथवा डिमाण्ड ड्राफ्ट भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर के नाम बनाकर कुलसचिव, भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर को दिनांक 17.03.2025 तक ...

समुद्र की अथाह गहराई में प्रकाश की अनुपस्थिति में कैसे हो रहा है ऑक्सीजन का निर्माण

समुद्र की अथाह गहराई में प्रकाश की अनुपस्थिति में कैसे हो रहा है ऑक्सीजन का निर्माण?

पत्रिका न्यूज नेटवर्क के अनुसार वैज्ञानिकों की एक अन्तरराष्ट्रीय टीम ने समूद्र में डार्क ऑक्सीजन की खोज की है। टीम के शोध के मुताबिक प्रशांत महासागर के निचले भाग में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन पम्प कर रही है। यह हिस्सा समुद्र की इतनी गहराई में है कि वहां सूरज की रोशनी पहुंचना सम्भव नही है। प्रकाश संश्लेषण क्रिया के बिना ऑक्सीजन का बनना समुचे वैज्ञानिक जगत को हैरान कर रहा है। 

नेचर जियोसाइंस जर्नल में छपे शोध के अनुसार समुद्र की सतह से 4000 मीटर गहराई में पूर्ण अंधकारमय होते हुए भी ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। इसे डार्क ऑक्सीजन कहा गया है। अभी तक वैज्ञानिकों का यह मानना था कि सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति में ऑक्सीजन नही बन सकती है। वैज्ञानिकों की यह खोज प्रकाश संश्लेषण की उपस्थिति में ही ऑक्सीजन के निर्माण की धारणा के विरूद्ध है। 

एंड्रयू स्वीटमैन के अनुसार पृथ्वी पर जीवन के आरम्भ के लिए ऑक्सीजन आवश्यक थी। अभी तक हम यह मानते रहे हैं कि पृथ्वी पर ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रकाश संश्लेषक जीवों से शुरू हुई, परन्तु अब इस पर पुनः विचार करने की जरूरत है कि जीवन की शुरूवात कहां से हुई। 


ऑक्सीजन उत्पन्न करने वाले नोड्यूल्स  


इस शोध के दौरान यह जानकारी भी हैरान करने वाली रही कि समुद्र की गहराई में ऑक्सीजन पौधे नही बना रहे हैं। एंड्रयू स्वीटमैन के अनुसार वहां ऑक्सीजन धातु के नोड्यूल्स से निकलती है, जो कोयले के ढेर के समान होते हैं। आलू के आकार के ये नोड्यूल्स पानी के अणुओं को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में बांटते हैं। स्वीटमैन की इस नई खोज से ऑक्सीजन के निर्माण की एक नई बहस छिड़ सकती है। यह ध्यान रखने योग्य है कि पृथ्वी की आधी ऑक्सीजन समुद्र से ही आती है।

Source: Rajasthan Patrika

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