हार्मोनल परिवर्तन के कारण कम उम्र में लड़कियों में हो रहा शारीरिक परिवर्तन प्रदुषण और जंक फूड घटा रहा मुश्किल भरे दिन की उम्र लड़कियों में समय से पहले हार्मोनल चेंज के मामले बढ़ रहे हैं। शारीरिक बदलाव के लिए औसत उम्र 13 से 14 साल मानी जाती है, अब 8 से 11-12 साल में वजन बढ़ने जैसी समस्या आ रही है। कम उम्र में मुश्किल भरे दिनों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो समस्या प्रदुषण और जंक फूड के अत्यधिक सेवन से बढ़ रही है। शरीर में हार्मोनल परिवर्तन, किसी प्रकार की सिस्ट और ट्यूमर जैसे कारण सामने आ रहे हैं। इनके लिए मुख्य कारण निम्न हैं- लड़कियों में हार्मोनल परिवर्तन से पीरियड जल्दी आते हैं। आनुवंशिक समस्या इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। तनाव से भी हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। आयरन तथा विटामिन-डी जैसे पोषण तत्वों की कमी भी हार्मोनल परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं। प्रदुषण के सम्पर्क में रहने पर भी ये समस्या होती है। शरीर में कही भी सिस्ट या ट्यूमर होने पर भी ये सम्भव है। अगर 8 साल से 12 साल की उम्र के बीच किसी बालिका के शरीर में तेजी से परिवर्तन हो तो मुश्...
गैसों का अणुगति सिद्धान्त तथा आदर्श गैस का दाब | Kinetic theory of gases and Pressure of an ideal gas in Hindi | Thermodynamics
गैसों का अणुगति सिद्धान्त तथा आदर्श गैस का दाब
गैसों के गतिज सिद्धान्त की अभिधारणाएं
- एक गैस अत्यन्त छोटे, अदृश्य एवं पूर्णतः प्रत्यास्थ कणों से मिलकर बनी होती है, जो अणु कहलाते हैं।
- एक शुद्ध गैस के सभी अणु समदृश होते हैं तथा ये सभी सम्भव दिशाओं में सभी सम्भव वेग से सतत् रूप से गति करते रहते हैं।
- गैस जिस पात्र में भरी जाती है, वह उस पात्र की दीवारों पर दाब लगाती है।
- गैस के अणु किन्हीं दो क्रमागत टक्करों के मध्य सीधी रेखा में गति करते हैं।
- गैस के अणुओं का आकार किन्हीं दो क्रमागत टक्करों के मध्य तय की गई दूरी की तुलना में अनन्त सूक्ष्म होता है।
- ये टक्करें तात्क्षणिक होती हैं तथा टक्करों में गतिज ऊर्जा की कोई हानि नहीं होती है।
- अणु एक दूसरे पर कोई बल नहीं लगाते हैं। वे एक दूसरे पर बल केवल टकराने के दौरान लगाते हैं। इनकी सम्पूर्ण आणविक ऊर्जा, गतिज ऊर्जा होती है।
- गैस के अणुओं का कुल आयतन, उस पात्र के आयतन, जिसमें यह भरी है कि तुलना में नगण्य होता है।
- गैस में अन्तर-आणविक दूरी बहुत अधिक होती है, जिससे कि गैस के अणु उसके लिए उपलब्ध सम्पूर्ण स्थान में मुक्त रूप से घूम सकते हैं।
माध्य मुक्त पथ
- किन्हीं दो क्रमागत टक्करों के मध्य अणुओं द्वारा तय की गई दूरी मुक्त पथ कहलाती है तथा इन मुक्त पथों के मध्य की औसत दूरी माध्य मुक्त पथ कहलाती है।
एक आदर्श गैस का दाब
- माना c1 के X, Y तथा Z दिशाओं में घटक क्रमशः u1, v1 तथा w1 हैं।
- माना अणु पात्र की दीवार ABCD पर u1 वेग से टकराते हैं।
- X-दिशा में अणु का संवेग = mu1
- चूंकि अणु तथा पात्र की दीवारें पूर्णतः प्रत्यास्थ हैं। इसलिए टक्कर के दौरान अणुओं का वेग परिवर्तित नहीं होता है, केवल इनकी दिशा परिवर्तित हो जाती है।
- टक्कर के पश्चात् X- दिशा में अणु का संवेग = – mu1
- एक टक्कर में संवेग में परिवर्तन = mu1 – (mu1) = 2mu1
- अणु पुन ABCD दीवार से टकराने से पूर्व u1 वेग से 2l दूरी तय करता है।
- ABCD दीवार के साथ अणु की दो क्रमागत टक्करों के मध्य लगा समय = 2l / u1
- एक सेकण्ड में टक्करों की संख्या = u1 / 2l
- इस अणु की दीवार ABCD के साथ टक्कर में प्रति सेकण्ड संवेग में परिवर्तन = 2mu1 × (u1 / 2l) = mu12 / l
- सभी n अणुओं के दीवार ABCD से टकराने के दौरान एक सेकण्ड में संवेग में परिणामी परिवर्तन, dp/dt = mu12 / l + mu22 / l + mu32 / l + ... + mun2 / l = (m / l ) Σu2
- न्यूटन के द्वितीय नियम से बल, F = dp/dt
- पात्र की दीवार ABCD पर गैस के अणुओं द्वारा लगाया गया बल = (m / l ) Σu2
- यदि A क्षेत्रफल हो, तो दाब P = F/A
- ABCD दीवार पर लगने वाला दाब, Px = (m / l ) Σu2 × (1 / l2) = (m / l3) Σu2
- चूंकि पात्र का आयतन, V = l3
- ∴ Px = (m / V) Σu2
- इसी प्रकार Py = (m / V) Σv2 तथा Pz = (m / V) Σw2
- यदि घन का आयतन बहुत कम हो, तो Px = Py =Pz = P
- ∴ 3P = (m / V) Σ (u2 + v2 + w2)
- या P = (m / 3V) Σ (u2 + v2 + w2)
- ∵ c2 = u2 + v2 + w2)
- ∴ P = (m / 3V) Σ c2
- यहां E गैस की प्रति एकांक आयतन गतिज ऊर्जा है।
- चूंकि गैस में ध्वनि का वेग
- जहां γ एक ही गैस की दो विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात है।
गैसों के अणु गति सिद्धान्त तथा गैस के दाब के बारे में अधिक जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://youtu.be/Amhw77kGcKQ
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