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Showing posts from July, 2020

हार्मोनल परिवर्तन के कारण कम उम्र में लड़कियों में हो रहा शारीरिक परिवर्तन

हार्मोनल परिवर्तन के कारण कम उम्र में लड़कियों में हो रहा शारीरिक परिवर्तन प्रदुषण और जंक फूड घटा रहा मुश्किल भरे दिन की उम्र लड़कियों में समय से पहले हार्मोनल चेंज के मामले बढ़ रहे हैं। शारीरिक बदलाव के लिए औसत उम्र 13 से 14 साल मानी जाती है, अब 8 से 11-12 साल में वजन बढ़ने जैसी समस्या आ रही है। कम उम्र में मुश्किल भरे दिनों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो समस्या प्रदुषण और जंक फूड के अत्यधिक सेवन से बढ़ रही है। शरीर में हार्मोनल परिवर्तन, किसी प्रकार की सिस्ट और ट्यूमर जैसे कारण सामने आ रहे हैं। इनके लिए मुख्य कारण निम्न हैं- लड़कियों में हार्मोनल परिवर्तन से पीरियड जल्दी आते हैं। आनुवंशिक समस्या इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। तनाव से भी हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। आयरन तथा विटामिन-डी जैसे पोषण तत्वों की कमी भी हार्मोनल परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं। प्रदुषण के सम्पर्क में रहने पर भी ये समस्या होती है। शरीर में कही भी सिस्ट या ट्यूमर होने पर भी ये सम्भव है। अगर 8 साल से 12 साल की उम्र के बीच किसी बालिका के शरीर में तेजी से परिवर्तन हो तो मुश्...

फर्मेट सिद्धान्त द्वारा परावर्तन का नियम | Law of reflection by Fermat's principle in Hindi | Optics

फर्मेट सिद्धान्त द्वारा परावर्तन का नियम Fermat's principle फर्मेट के चरम पथ के सिद्धान्त के अनुसार जब कोई प्रकाश किरण अनेक परावर्तनों तथा अपवर्तनों के द्वारा माध्यमों के समूहों या समुच्चयों में से होती हुई एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक पहुंचती है, तो वह उस पथ का चयन करती है, जिसमें लगा समय या तो न्यूनतम हो या अधिकतम हो। फर्मेट का सिद्धान्त चूंकि प्रकाश द्वारा सम्पूर्ण पथ वायु में तय किया गया है। इसलिए A तथा B के मध्य प्रकाशीय पथ l = AO + OB l = √{a 2 + x 2 } + √{b 2 + (c - x) 2 )} फर्मेट के सिद्धान्त के अनुसार बिन्दु O की स्थिति इस प्रकार होगी कि प्रकाशीय पथ l का मान या तो न्यूनतम होगा या अधिकतम होगा। d l /dx = 0 इसलिए ∴ sin i = sin r या ∠ i = ∠ r निष्कर्ष चूंकि   i   आपतन कोण है तथा   r   अपवर्तन कोण है। इसलिए किसी भी सतह से परावर्तन के लिए आपतन कोण का मान परावर्तन कोण के बराबर होना चाहिए। आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा परावर्तन सतह का अभिलम्ब सभी एक ही तल (आपतन तल) में होने च...

फर्मेट का चरम पथ का सिद्धान्त | Fermat's principle of extremum path in Hindi

फर्मेट का चरम पथ का सिद्धान्त फर्मेट के न्यूनतम समय के सिद्धान्त के अनुसार जब कोई प्रकाश किरण कई परावर्तनों तथा अपवर्तनों के द्वारा माध्यमों के समूहों या समुच्चयों में से होती हुई एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक पहुंचती है, तो वह उस पथ का चयन करती है, जिसमें लगा समय न्यूनतम हो। कुछ परिस्थितियों में यह पाया गया है कि इसमें लगा समय न्यूनतम के स्थान पर अधिकतम होता है। इसलिए न्यूनतम समय के सिद्धान्त को सन्शोधित करके इसे फर्मेट का स्थिर समय का सिद्धान्त या फर्मेट का चरम पथ का सिद्धान्त नाम दिया गया। फर्मेट के चरम पथ के सिद्धान्त के अनुसार जब कोई प्रकाश किरण अनेक परावर्तनों तथा अपवर्तनों के द्वारा माध्यमों के समूहों या समुच्चयों में से होती हुई एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक पहुंचती है, तो वह उस पथ का चयन करती है, जिसमें लगा समय या तो न्यूनतम हो या अधिकतम हो। इस सिद्धान्त के बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें   https://youtu.be/5sgWtcDFdGU

फर्मी डिराक सांख्यिकी | Fermi Dirac statistics in Hindi

फर्मी डिराक सांख्यिकी यह सांख्यिकी फर्मीऑन या फर्मी कणों पर आरोपित की जाती है, अर्थात् वे कण जो अविभेदित हों तथा जिनकी चक्रण क्वांटन संख्या अर्द्ध पूर्णांक हो। कण एक दूसरे से अविभेदित होते हैं। प्रत्येक कोश या उपस्तर में 0 या 1 कण हो सकता है, अर्थात्‌ g i,  >> n i निकाय में कुल कणों की संख्या सदैव नियत रहती है, n = Σn i  = नियत विभिन्न समूहों में स्थित सभी कणों की ऊर्जा का योग अर्थात् निकाय की कुल ऊर्जा सदैव नियत रहती है E = Σn i ε i  = नियत हम n स्वतंत्र समरूप कण, जिनका चक्रण अर्द्ध पूर्णांक है, पर विचार करते हैं। इन कणों को क्वांटम समूहों या स्तरों में इस प्रकार वितरित करना है कि ऊर्जा स्तर             ε 1,  ε 2,  ε 3, ... ε i  अपभ्रष्टता             g 1,  g 2,  g 3, ... g i  कणों की संख्या     n 1,  n 2,  n 3, ... n i  हम एक बक्से पर विचार करते है। इस बक्से में g i  भाग हैं, जिसमें n i  कणों ...

Fermi Dirac Statistics

Fermi Dirac Statistics It is applied to Fermions or Fermi particles, i.e. indistinguishable particle with half integral spin. Particles are indistinguishable from each other. Each cell or sublevel may contain 0 or 1 particle i.e., g i,  >> n i Total number of particles of system remain constant, n = Σn i  = constant Sum of energies of all the particles in the different groups taken together i.e., total energy of the system remain constant E = Σn i ε i  = constant Consider a system of n independent identical particles having half integral spin. These particles be divided into quantum groups or levels such that Energy levels    ε 1,  ε 2,  ε 3, ... ε i  Degeneracies    g 1,  g 2,  g 3, ... g i  Occupation number    n 1,  n 2,  n 3, ... n i  Consider a box, divide it into g i  sections, distribute n i  particles among them. Number of ways to ...

अनन्त लम्बाई के समरूप आवेशित सीधे तार के कारण विद्युत क्षेत् | Electric field due to an infinitely long straight uniformly charged wire in Hindi | Electromagnetics

अनन्त लम्बाई के समरूप आवेशित सीधे तार के कारण विद्युत क्षेत्र किसी आवेश के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें कोई अन्य आवेश बल अनुभव करे, विद्युत क्षेत्र कहलाता है। अनन्त लम्बाई के सीधे आवेशित तार के कारण किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र तार से बिन्दु की दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होता है। dy लम्बाई के आवेश dq के कारण बिन्दु P पर विद्युत क्षेत्र                            dy लम्बाई पर आवेश, dq = λ dy                          यह विद्युत क्षेत्र MP के अनुदिश होगा। बिन्दु P पर कुल विद्युत क्षेत्र                               सममिति के कारण                                     ...

बोस आइन्सटीन सांख्यिकी | Bose Einstein statistics in Hindi

बोस आइन्सटीन सांख्यिकी यह सांख्यिकी बोसाॅन या बोस कणों पर आरोपित की जा सकती है, अर्थात् वे कण जो अविभेदित हों तथा जिनकी चक्रण क्वांटन संख्या पूर्णांक हो। कण एक दूसरे से अविभेदित होते हैं। iवे क्वांटम स्तर के प्रत्येक कोश में कणों की संख्या 0, 1, 2, 3, … हो सकती है। निकाय में कुल कणों की संख्या सदैव नियत रहती है, अर्थात्‌  n = Σn i  = नियत विभिन्न समूहों में स्थित सभी कणों की ऊर्जा का योग अर्थात् निकाय की कुल ऊर्जा सदैव नियत रहती है, अर्थात्‌  E = Σn i ε i  = नियत हम n स्वतंत्र समरूप कणों पर विचार करते हैं। इन कणों को क्वांटम समूहों या स्तरों में इस प्रकार वितरित करना है कि ऊर्जा स्तर    ε 1,  ε 2,  ε 3, ... ε i  अपभ्रष्टता    g 1,  g 2,  g 3, ... g i  कणों की संख्या    n 1,  n 2,  n 3, ... n i  हम एक बक्से पर विचार करते हैं। इस बक्से में g i  भाग हैं, जिसमें कणों को वितरित करना है। इन भागों या उपकोश के चयन के कुल तरीकों की संख्या g i  होगी। इसके प...

MLSU Third year Physics Syllabus

M.L. SUKHADIA UNIVERSITY, UDAIPUR B.Sc. III Year Physics PAPER-I Quantum mechanics, and Atomic and Molecular Physics UNIT-I Introductory Schrodinger theory: Rise and fall of Plank-Bohr quantum theory, Duality of radiation and matter, de Broglie’s hypothesis, justification for the relation , experimental confirmation. Phase and group velocities of a wave: Formation of a wave packet, illustrations. Uncertainty principle relating to position and momentum, relating to energy and time, application of complementarity principle, photon interpretation of two slit interference, Einstein-de-Broglie relations as a link between particle and wave properties, general equation of wave propagation, propagation of matter waves, time dependent and time independent Schrodinger equations, physical meaning of ψ, conditions to be satisfied by Schrodinger equation as an operator equation. Postulatery approach to wave mechanics, operators, observable and measurements. Operators: Eig...

Law of reflection by Fermat’s principle | Optics

Law of reflection by Fermat’s principle Fermat's principle According to Fermat’s principle of extremum path, a ray of light in passing from one point to another through a set of media by any number of reflections or refractions selects a path for which the time taken is either minimum or maximum. Law of reflection by Fermat's principle Since whole path is travelled by light in air. So, the optical path between A and B is l = AO + OB l = √{a 2 + x 2 } + √{b 2 + (c - x) 2 )} From Fermat’s principle, the position of point O is such the optical path l should be either maximum or minimum. d l /dx = 0 Therefore ∴ sin i = sin r or ∠ i = ∠ r Conclusion Since   i   is angle of incidence and   r   is angle of reflection So, for reflection form any surface, the angle of incidence should be equal to the angle of reflection. The incident ray, reflected ray and normal to the reflecting surface all should lie in the...

Fermat’s principle of extremum path

Fermat’s principle of extremum path According to Fermat’s principle of least time, a ray of light in passing from one point to another through a set of media by any number of reflections and refractions selects a path along which the time taken is minimum or least In some cases it was found that the time taken was maximum in placed of minimum. So the principle of least time is modified as Fermat’s principle of stationary time or Fermat’s principle of extremum path . According to Fermat’s principle of extremum path, a ray of light in passing from one point to another through a set of media by any number of reflections or refractions selects a path for which the time taken is either minimum or maximum.      To know more about this lecture please visit on  https://youtu.be/tBxEfdP-SQs

Bose Einstein Statistics

Bose Einstein Statistics It is applied to Boson or Bose particles, i.e. indistinguishable particle with integral spin Particles are indistinguishable from each other. Each cell of i th  quantum state may contain 0, 1, 2, …, n i  particles. Total number of particles of system remain constant, n = Σn i  = constant Sum of energies of all the particles in the different groups taken together i.e., total energy of the system remain constant E = Σn i ε i  = constant Particles are indistinguishable from each other. Consider a system of n independent identical particles. These particles be divided into quantum groups or levels such that Energy levels    ε 1,  ε 2,  ε 3, ... ε i  Degeneracies    g 1,  g 2,  g 3, ... g i  Occupation number    n 1,  n 2,  n 3, ... n i  Consider a box, divide it into g i  sections, distribute particles among them. There are g ...

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