अब नई शिक्षा नीति के तहत मातृ भाषा में होगी प्राथमिक स्तर तक की पढ़ाई, औरत को लुगाई पढेंगे बच्चे शेखावटी के प्राथमिक स्कूलों के विद्यार्थी अब औरत को लुगाई, आग को बासते और इंसान को मिनख पढ़ते नजर आएंगे। नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक कक्षाओं में मातृ भाषा में शिक्षा देने की नीति लागू होने से ऐसा होगा। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान ने प्रदेश में संभागवार भाषाई सर्वेक्षण करवाकर स्थानीय भाषा के शब्द कोष तैयार करवाए हैं। शेखावटी के शब्द कोष में शोर को रोला, आदत को बाण, इधर को अठीने, इंतजार को उडीकणों, इकट्ठा को भैळो एवं सांवठो, अध्ययन को पढ़णो, आवास को ठिकाणो, इतना को अतरो, इनकार को नटणों, इसके लिए को इकेपाई एवं अधिक बोलने को लपर-लपर कहा गया है। नई शिक्षा नीति के लिए बच्चों-शिक्षकों की भाषा से शब्दकोष तैयार किया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत हुए सर्वेक्षण में प्राथमिक कक्षा के बच्चों की भाषा एवं पढ़ाने वाले शिक्षक की भाषा की जानकारी ली गई थी। इसमें बच्चों के नाम के साथ उनके घर की भाषा, शिक्षक की भाषा, स्कूल का माध्यम, भाषा को समझने एवं बोलने की विद्यार्थियों की क्षम...
अब नई शिक्षा नीति के तहत मातृ भाषा में होगी प्राथमिक स्तर तक की पढ़ाई, औरत को लुगाई पढेंगे बच्चे शेखावटी के प्राथमिक स्कूलों के विद्यार्थी अब औरत को लुगाई, आग को बासते और इंसान को मिनख पढ़ते नजर आएंगे। नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक कक्षाओं में मातृ भाषा में शिक्षा देने की नीति लागू होने से ऐसा होगा। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान ने प्रदेश में संभागवार भाषाई सर्वेक्षण करवाकर स्थानीय भाषा के शब्द कोष तैयार करवाए हैं। शेखावटी के शब्द कोष में शोर को रोला, आदत को बाण, इधर को अठीने, इंतजार को उडीकणों, इकट्ठा को भैळो एवं सांवठो, अध्ययन को पढ़णो, आवास को ठिकाणो, इतना को अतरो, इनकार को नटणों, इसके लिए को इकेपाई एवं अधिक बोलने को लपर-लपर कहा गया है। नई शिक्षा नीति के लिए बच्चों-शिक्षकों की भाषा से शब्दकोष तैयार किया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत हुए सर्वेक्षण में प्राथमिक कक्षा के बच्चों की भाषा एवं पढ़ाने वाले शिक्षक की भाषा की जानकारी ली गई थी। इसमें बच्चों के नाम के साथ उनके घर की भाषा, शिक्षक की भाषा, स्कूल का माध्यम, भाषा को समझने एवं बोलने की विद्यार्थियों की क्षम...
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