भारतीय रसायन के पिता आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती पर व्याख्यान का आयोजन विज्ञान भारती उदयपुर इकाई एवं बीएन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, बीएन विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम सम्पन्न उदयपुर, 2 अगस्त। भारतीय रसायन के पिता आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती के अवसर पर विज्ञान भारती उदयपुर इकाई (चित्तौड़ प्रांत) एवं बीएन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, बीएन विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य आचार्य पी.सी. रे के वैज्ञानिक योगदान एवं उनके देशभक्ति से ओतप्रोत जीवन पर प्रकाश डालना था। ज्ञातव्य है कि भारत की पहली फार्मा कंपनी आचार्य रे ने ही बंगाल केमिकल एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, कोलकाता में 1901 में प्रारंभ की थी। कार्यक्रम में विज्ञान भारती के उद्देश्य एवं गतिविधियों की जानकारी डॉ. अमित गुप्ता द्वारा दी गई। आचार्य पी.सी. रे के जीवन और कार्यों पर मुख्य व्याख्यान डॉ. लोकेश अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि कैसे आचार्य रे ने विज्ञान को समाज की सेवा का माध्यम बनाया और रसायन विज्ञान में भारत को आत्मनिर्भर बनान...
न्यूटन का प्रथम नियम
- इस नियम के अनुसार यदि कोई वस्तु स्थिर है, तो स्थिर रहेगी तथा यदि गतिशील है, तो वह उसी दिशा में समान वेग से तब तक गति करती रहेगी, जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल न लगाया जाए।
- यह नियम बल की गुणात्मक परिभाषा प्रदान करता है। इस नियम के अनुसार बल वह बाह्य कारक है, जो वस्तु की गति की अवस्था में या तो परिवर्तन करने का प्रयास करता है, या वास्तव में परिवर्तन करता है।
- यह नियम जड़त्व की अवधारणा भी प्रदान करता है तथा चूंकि जड़त्व की अवधारणा गेलिलियो ने दी थी। इसीलिए यह नियम गेलिलियो का जड़त्व का नियम भी कहलाता है।
जड़त्व
- जड़त्व वस्तु का वह गुण है, जिसके कारण वस्तु अपनी स्थिति में परिवर्तन का विरोध करती है।
- जड़त्व ∝ द्रव्यमान
- अतः वस्तु का द्रव्यमान जितना अधिक होगा, उसका जड़त्व भी उतना ही अधिक होगा।
जड़त्व के प्रकार
स्थिर अवस्था का जड़त्व
- यह वस्तु का वह गुण है, जिसके कारण वस्तु स्वयं अपनी स्थिर अवस्था में परिवर्तन करने में असमर्थ होती है।
उदाहरण
- बस में खड़ा एक व्यक्ति जैसे ही बस अचानक चलना प्रारम्भ करती है, तो पीछे की ओर गिरता है।
- जब किसी कम्बल को डंडे से पीटते है, तो इसमें स्थित धूल के कण नीचे गिरने लगते हैं।
गतिशील अवस्था का जड़त्व
- यह वस्तु का वह गुण है, जिसके कारण वस्तु स्वयं अपनी गतिशील अवस्था में परिवर्तन करने में असमर्थ होती है।
उदाहरण
- एक गतिशील बस में बैठा व्यक्ति जैसे ही बस रूकती है, तो आगे की ओर झुकता है।
- एक गतिशील रेलगाड़ी में से ऊपर की ओर फैकी गई गेंद रेलगाड़ी की दिशा में आगे की ओर चलती है।
दिशा का जड़त्व
- इसके अनुसार कोई वस्तु स्वयं अपनी दिशा परिवर्तित करने में असमर्थ होती है।
उदाहरण
- जब एक कार अचानक मुड़ती है, तो इसमें बैठी सवारी को बाहर की दिशा में धक्का लगता है।
- एक ऊपर की ओर उड़ रहे गुब्बारे में से जब कोई वस्तु छोड़ी जाती है, तो वह गुब्बारे की दिशा में सतत् रूप से गति करती है।
न्यूटन के प्रथम नियम की अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://youtu.be/gLh7_q0LrzE
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