भारतीय रसायन के पिता आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती पर व्याख्यान का आयोजन विज्ञान भारती उदयपुर इकाई एवं बीएन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, बीएन विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम सम्पन्न उदयपुर, 2 अगस्त। भारतीय रसायन के पिता आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती के अवसर पर विज्ञान भारती उदयपुर इकाई (चित्तौड़ प्रांत) एवं बीएन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, बीएन विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य आचार्य पी.सी. रे के वैज्ञानिक योगदान एवं उनके देशभक्ति से ओतप्रोत जीवन पर प्रकाश डालना था। ज्ञातव्य है कि भारत की पहली फार्मा कंपनी आचार्य रे ने ही बंगाल केमिकल एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, कोलकाता में 1901 में प्रारंभ की थी। कार्यक्रम में विज्ञान भारती के उद्देश्य एवं गतिविधियों की जानकारी डॉ. अमित गुप्ता द्वारा दी गई। आचार्य पी.सी. रे के जीवन और कार्यों पर मुख्य व्याख्यान डॉ. लोकेश अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि कैसे आचार्य रे ने विज्ञान को समाज की सेवा का माध्यम बनाया और रसायन विज्ञान में भारत को आत्मनिर्भर बनान...
वृत्ताकार लूप के कारण विद्युत क्षेत्र | Electric field due to circular loop of charge in Hindi | Electromagnetics
वृत्ताकार आवेशित लूप के कारण विद्युत क्षेत्र
विद्युत क्षेत्र
- किसी आवेश के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें कोई अन्य आवेश बल अनुभव करे, विद्युत क्षेत्र कहलाता है।
- विद्युत क्षेत्र का स्रोत या तो कोई आवेश होता है या समय परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र।
- यदि विद्युत क्षेत्र का मान समय के साथ परिवर्तित नहीं होता है, तो वह समरूप या समांगी विद्युत क्षेत्र कहलाता है, अन्यथा असमरूप या असमांगी विद्युत क्षेत्र कहलाता है।
वृत्ताकार लूप के कारण विद्युत क्षेत्र
- यदि λ रेखीय आवेश घनत्व हो, तो dl लम्बाई का आवेश
- dq = λ dl ⇒ dq = (q / 2πa) dl
- dq आवेश के कारण P बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र
विशिष्ट परिस्थितियां
- जब बिन्दु P लूप के केन्द्र पर हो, अर्थात् r = 0 हो, तो E = 0
- जब बिन्दु P लूप के केन्द्र से अत्यन्त दूर हो, अर्थात् r >> a होे, तो E = kq / r2
- इस स्थिति में वृत्ताकार लूप एक बिन्दु आवेश की भांति कार्य करता है।
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