Skip to main content

हार्मोनल परिवर्तन के कारण कम उम्र में लड़कियों में हो रहा शारीरिक परिवर्तन

हार्मोनल परिवर्तन के कारण कम उम्र में लड़कियों में हो रहा शारीरिक परिवर्तन प्रदुषण और जंक फूड घटा रहा मुश्किल भरे दिन की उम्र लड़कियों में समय से पहले हार्मोनल चेंज के मामले बढ़ रहे हैं। शारीरिक बदलाव के लिए औसत उम्र 13 से 14 साल मानी जाती है, अब 8 से 11-12 साल में वजन बढ़ने जैसी समस्या आ रही है। कम उम्र में मुश्किल भरे दिनों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो समस्या प्रदुषण और जंक फूड के अत्यधिक सेवन से बढ़ रही है। शरीर में हार्मोनल परिवर्तन, किसी प्रकार की सिस्ट और ट्यूमर जैसे कारण सामने आ रहे हैं। इनके लिए मुख्य कारण निम्न हैं- लड़कियों में हार्मोनल परिवर्तन से पीरियड जल्दी आते हैं। आनुवंशिक समस्या इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। तनाव से भी हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। आयरन तथा विटामिन-डी जैसे पोषण तत्वों की कमी भी हार्मोनल परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं। प्रदुषण के सम्पर्क में रहने पर भी ये समस्या होती है। शरीर में कही भी सिस्ट या ट्यूमर होने पर भी ये सम्भव है। अगर 8 साल से 12 साल की उम्र के बीच किसी बालिका के शरीर में तेजी से परिवर्तन हो तो मुश...

नशा देने वाले भांग के पौधों से बन रहे कपड़े

नशा देने वाले भांग के पौधों से बन रहे कपड़े

भांग का उपयोग प्रायः नशे में किया जाता है, लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि भांग के पौधे से कपड़े भी बनाए जा रहे हैं। जोधपुर के दो युवाओं अंकित नागौरी तथा आकाश सेन ने स्टार्टअप के तहत यह काम शुरू किया है। इनके द्वारा भांग के पौधों से तैयार कपड़ों का चार देशों में निर्यात हो रहा है। राजस्थान में इस प्रकार का नवाचार करने वाले यही दो युवा हैं। इनका अगला लक्ष्य राजस्थान सरकार के साथ जुड़कर इस प्रोजेक्ट को नया आयाम देना है। दोनों युवाओं ने 2021 में ईको अर्थ नामक स्टार्टअप को धरातल पर उतारा। अंकित ने बताया कि हमारा लक्ष्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि प्रारम्भ में लोगों को समझाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था, परन्तु अब भांग से निर्मित कपड़ों की मांग काफी बढ़ गई है। 

भांग के पौधों से बने कपड़े से पेंट-शर्ट के अलावा, जूते, कम्बल, बैग, बेडशीट, टोपी, मौजे और टॉवल भी बनाए जा सकते हैं। साथ ही कंसट्रक्शन मेटेरियल भी बनाया जा सकता है, जिसमें हेम्पक्रीट, प्लास्टर पाउडर मुख्य है। साथ ही भांग के बीज, तेल, दूध और अन्य खाद्य पदार्थ भी बनाए जाते हैं, जिन्हें सरकार ने वैद्यता प्रदान की हुई है। भांग के पौधों से पेपर, बायो फ्यूल, कॉस्मिटिक्स आइटम भी बनाए जाते है। 

कारण जिसकी वजह से अधिक उपयोगी ही भांग से निर्मित कपड़े 

भांग की तुलना में कॉटन को दुगुनी जगह की जरूरत होती है। 1 किलो कॉटन उत्पादन के लिए 9 लीटर से अधिक पानी की आवश्यकता होती है, जबकि भांग 2 लीटर पानी में ही उग जाती है। भांग का फाइबर कॉटन की अपेक्षा 4 गुना अधिक ड्यूरेबल है। कॉटन की तुलना में भांग अधिक तीव्रता से अपघटित हो जाता है।

सोजन्यः राजस्थान पत्रिका न्यूज

For more information see Rajasthan Patrika News Paper
 
To follow our blog click here

For similar vacancies click here


Our other websites

For Education

For Placements 

For Bhakti 

For Recipes 

Our Application



Our YouTube channels

Sacademy

Atharavpur


Keywords:

bhang,bhang ki kasht,bhang ka nasha,ghota laade bhang pilade,bhang ka rada,bhang ka nasa,bhaang,bhang ka nasha video,bhangra,bhang in pakistan,bhang lassi,bhang in wadi tirah,bhang ka nasha song,bhang recipe,bhang leaves,bhang making,holi ki bhang,bhang fabric,bhang ki booti,bhang ki kheti,bhang clothes,new song bhang ka nasha,saara rola teri bhang ka,how to make bhang,indore bhaang,ganja bhang bhang,bhang ghot ke layi

Comments

Popular posts from this blog

Electric field due to circular loop of charge | Electromagnetics

Electric field due to circular loop of charge Electric field The space around a charged particle in which another charge experience a force is known as electric field. The source of electric field is either a charge or a time varying magnetic field. If the value of electric field does not change with time, then it will be uniform electric field, otherwise it will be non-uniform electric field. Electric field due to circular loop of charge If λ is linear charge density, then the charge on d l dq = λ d l      ⇒     dq = (q / 2πa) d l Electric field at P due to charge dq Special cases When P lies at the centre of the loop i. e., r = 0, then E = 0 When P lies very far from the centre of the loop i. e., r >> a, then E = kq / r 2 In this case circular loop behaves as a point charge. To know more about this topic please click on the link  https://youtu.be/54MIe0Ow43w   or...

Advantage and Disadvantage of Power Electronics

Advantage and Disadvantage of Power Electronics Advantage of Power electronics Power electronics is used in space shuttle power supplies Since there is very low loss in power electronic devices so its efficiency is very high. Power electronic converter systems are highly reliable. Since there is no moving parts in power electronic systems so it has long life and also its maintenance cost is very less. The power electronic systems has fast dynamic response in comparison to electromechanical converter systems. Since the power electronic system has small size and also it has less weight so they occupy less floor space and hence their installation cost is also less. Now these days power equipments are being mostly used, so power semiconductor devices are being produced on a large scale, resulting in lower cost of converter equipment. Power electronics are used in computer and office equipments. It is used in uninterruptible power supplies. Power...

गैसों का अणुगति सिद्धान्त तथा आदर्श गैस का दाब | Kinetic theory of gases and Pressure of an ideal gas in Hindi | Thermodynamics

गैसों का अणुगति सिद्धान्त तथा आदर्श गैस का दाब गैसों के गतिज सिद्धान्त की अभिधारणाएं एक गैस अत्यन्त छोटे, अदृश्य एवं पूर्णतः प्रत्यास्थ कणों से मिलकर बनी होती है, जो अणु   कहलाते हैं। एक शुद्ध गैस के सभी अणु समदृश होते हैं तथा ये सभी सम्भव दिशाओं में सभी सम्भव वेग से सतत्‌ रूप से गति करते रहते हैं। गैस जिस पात्र में भरी जाती है, वह उस पात्र की दीवारों पर दाब लगाती है। गैस के अणु किन्हीं दो क्रमागत टक्करों के मध्य सीधी रेखा में गति करते हैं। गैस के अणुओं का आकार किन्हीं दो क्रमागत टक्करों के मध्य तय की गई दूरी की तुलना में अनन्त सूक्ष्म होता है। ये टक्करें तात्क्षणिक होती हैं तथा टक्करों में गतिज ऊर्जा की कोई हानि नहीं होती है। अणु एक दूसरे पर कोई बल नहीं लगाते हैं। वे एक दूसरे पर बल केवल टकराने के दौरान लगाते हैं। इनकी सम्पूर्ण आणविक ऊर्जा, गतिज ऊर्जा होती है। गैस के अणुओं का कुल आयतन, उस पात्र के आयतन, जिसमें यह भरी है कि तुलना में नगण्य होता है। गैस में अन्तर-आणविक दूरी बहुत अधिक होती है, जिससे कि गैस के अणु उसके लिए उपलब्ध सम्पूर्ण स्थान में मुक...