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हार्मोनल परिवर्तन के कारण कम उम्र में लड़कियों में हो रहा शारीरिक परिवर्तन

हार्मोनल परिवर्तन के कारण कम उम्र में लड़कियों में हो रहा शारीरिक परिवर्तन प्रदुषण और जंक फूड घटा रहा मुश्किल भरे दिन की उम्र लड़कियों में समय से पहले हार्मोनल चेंज के मामले बढ़ रहे हैं। शारीरिक बदलाव के लिए औसत उम्र 13 से 14 साल मानी जाती है, अब 8 से 11-12 साल में वजन बढ़ने जैसी समस्या आ रही है। कम उम्र में मुश्किल भरे दिनों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो समस्या प्रदुषण और जंक फूड के अत्यधिक सेवन से बढ़ रही है। शरीर में हार्मोनल परिवर्तन, किसी प्रकार की सिस्ट और ट्यूमर जैसे कारण सामने आ रहे हैं। इनके लिए मुख्य कारण निम्न हैं- लड़कियों में हार्मोनल परिवर्तन से पीरियड जल्दी आते हैं। आनुवंशिक समस्या इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। तनाव से भी हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। आयरन तथा विटामिन-डी जैसे पोषण तत्वों की कमी भी हार्मोनल परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं। प्रदुषण के सम्पर्क में रहने पर भी ये समस्या होती है। शरीर में कही भी सिस्ट या ट्यूमर होने पर भी ये सम्भव है। अगर 8 साल से 12 साल की उम्र के बीच किसी बालिका के शरीर में तेजी से परिवर्तन हो तो मुश्...

डॉ. राठौड़ को अंतर्राष्ट्रीय कला सम्मान

डॉ कंचन राठौड़ को अंतर्राष्ट्रीय कला सम्मान।

दिल्ली में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी कलरफुल सागा नई दिल्ली के लोकायत् आर्ट गैलरी में आयोजित हुई इसमें देश विदेश के चालीस कलाकारों ने भाग लिया जिसमें भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के चित्रकला विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ कंचन राठौड़ को विशिष्ट श्रेणी अंतर्राष्ट्रीय कला सम्मान और कला विभूति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 



आर्ट गैलरी के सचिव रवीन्द्र सिंह ने बताया कि डॉ. राठौड़ को यह पुरस्कार सांस्कृतिक कला को देश विदेश में बढ़ावा देने में दिया गया है डॉ कंचन राठौड़ को दोनो पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय मूर्तिकार मातु राम वर्मा एवम कलाकुंज फ़ाउडेशन की निदेशक राजनी शर्मा ने स्मृतिचिन्ह एवम् प्रमाण पत्र प्रदान कर सममानीत किया।

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