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महाराणा प्रताप ट्रेल सज्जनगढ़ उदयपुर

महाराणा प्रताप ट्रेल सज्जनगढ़ उदयपुर में इको ट्रेल 30 नवम्बर को राजस्थान वन विभाग उदयपुर डिविजन तथा WWF-India उदयपुर डिविजन के सानिध्य में महाराणा प्रताप ट्रेल सज्जनगढ़ उदयपुर में इको ट्रेल की गई, जिसमें WWF-India के स्टेट काॅर्डिनेटर श्रीमान अरूण सोनी तथा वन विभाग कीे ओर से डाॅ. सतीश कुमार शर्मा, सेवानिवृत्त अधिकारी मौजूद थे। मुझे भी इस इको ट्रेल में जाने का सुअवसर प्राप्त हुआ, जो गोरीला व्यू पाॅइंट से बड़ी-लेक व्यू पाॅइंट तक की गई इसमें मुझे विज्ञान की एक नई शाखा के बारे में पता चला, जिसे टट्टी विज्ञान कहा जाता है। सुनने में आपको थोड़ा अजीब लगेगा, मुझे भी सुनकर हैरानी हुई, परन्तु वास्तव में एक ऐसा भी विज्ञान है, जिसके बारे में डाॅ. सतीश शर्मा ने बड़े ही विस्तार पूर्वक बताया कि किस प्रकार वनों में जानवरों की टट्टी देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि यहां कौनसा जानवर आया था। जानवरों की टट्टी कितनी पुरानी है, वह गीली है या सूखी है। इसी के आधार पर उस विशेष जंगल में कौन-कौनसे जानवर विचरण करते हैं, उसके बारे में वन विज्ञान के कर्मचारी पता लगा लेते हैं। जानवरों की टट्टी का विश्लेषण करके यह पता लगा...

उच्च शिक्षाः विद्यार्थी का बनेगा एकेडमिक बैंक रिकॉर्ड

उच्च शिक्षाः विद्यार्थी का बनेगा एकेडमिक बैंक रिकॉर्ड


नई शिक्षा नीति 2020 के तहत विद्यार्थियों का डिजिटल लेखाजोखा रखने की दिशा में काम जारी है। इसके तहत विद्यार्थियों की एबीसी आईडी बनेगी एवं शिक्षा में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट लाने का सुझाव एनईपी 2020 में दिया गया है। इसे यूजीसी की ओर से शीघ्र लागू किया जाएगा। एबीसी का मतलब विद्यार्थी की ओर से उसकी पढ़ाई के दौरान मिले क्रेडिट का स्टोर हाउस है। ये स्टोर हाउस वर्चूअल या डिजिटल होगा। इसमें स्टूडेट की ओर से जिन संस्थानों में जो पढ़ाई की है उसका पूरा लेखाजोखा, उसका प्रदर्शन और मुख्य रूप से स्टूडेंट की ओर से प्राप्त किए गए क्रेडिट को शामिल किया जाएगा। इनका प्रयोग पूरी पढ़ाई के दौरान कई जगह और कई तरीके से कर सकेगा। इसके माध्यम से कॉलेजों में मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट का ऑप्शन मिलेगा। इससे विद्यार्थी अपना खाता खोल सकते हैं और किसी भी कॉलेज में प्रवेश ले सकते हैं या उसे छोड़ सकते हैं। इसके लिए उन्हें अलग से दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी। इन क्रेडिट की सहायता से वे प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकते हैं। एबीसी के माध्यम से क्रेडिट हर जगह ट्रांसफर किए जा सकते हैं।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. आरसी कुमावत ने बताया कि एबीसी आईडी कार्ड बैंक की तरह ही है। इसमें विद्यार्थी को मिलने वाले क्रेडिट जमा होते जाएंगे। वह देश के किसी भी कॉलेज या विश्वविद्यालय में जाएगा तो अध्ययनकाल के समय में मिले क्रेडिट उसके दस्तावेज की सारी जानकारी उपलब्ध होगी। ऐसा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किया जा रहा है।

सोजन्यः राजस्थान पत्रिका न्यूज

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