अब नई शिक्षा नीति के तहत मातृ भाषा में होगी प्राथमिक स्तर तक की पढ़ाई, औरत को लुगाई पढेंगे बच्चे शेखावटी के प्राथमिक स्कूलों के विद्यार्थी अब औरत को लुगाई, आग को बासते और इंसान को मिनख पढ़ते नजर आएंगे। नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक कक्षाओं में मातृ भाषा में शिक्षा देने की नीति लागू होने से ऐसा होगा। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान ने प्रदेश में संभागवार भाषाई सर्वेक्षण करवाकर स्थानीय भाषा के शब्द कोष तैयार करवाए हैं। शेखावटी के शब्द कोष में शोर को रोला, आदत को बाण, इधर को अठीने, इंतजार को उडीकणों, इकट्ठा को भैळो एवं सांवठो, अध्ययन को पढ़णो, आवास को ठिकाणो, इतना को अतरो, इनकार को नटणों, इसके लिए को इकेपाई एवं अधिक बोलने को लपर-लपर कहा गया है। नई शिक्षा नीति के लिए बच्चों-शिक्षकों की भाषा से शब्दकोष तैयार किया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत हुए सर्वेक्षण में प्राथमिक कक्षा के बच्चों की भाषा एवं पढ़ाने वाले शिक्षक की भाषा की जानकारी ली गई थी। इसमें बच्चों के नाम के साथ उनके घर की भाषा, शिक्षक की भाषा, स्कूल का माध्यम, भाषा को समझने एवं बोलने की विद्यार्थियों की क्षम...
हार्मोनल परिवर्तन के कारण कम उम्र में लड़कियों में हो रहा शारीरिक परिवर्तन प्रदुषण और जंक फूड घटा रहा मुश्किल भरे दिन की उम्र लड़कियों में समय से पहले हार्मोनल चेंज के मामले बढ़ रहे हैं। शारीरिक बदलाव के लिए औसत उम्र 13 से 14 साल मानी जाती है, अब 8 से 11-12 साल में वजन बढ़ने जैसी समस्या आ रही है। कम उम्र में मुश्किल भरे दिनों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो समस्या प्रदुषण और जंक फूड के अत्यधिक सेवन से बढ़ रही है। शरीर में हार्मोनल परिवर्तन, किसी प्रकार की सिस्ट और ट्यूमर जैसे कारण सामने आ रहे हैं। इनके लिए मुख्य कारण निम्न हैं- लड़कियों में हार्मोनल परिवर्तन से पीरियड जल्दी आते हैं। आनुवंशिक समस्या इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। तनाव से भी हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। आयरन तथा विटामिन-डी जैसे पोषण तत्वों की कमी भी हार्मोनल परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं। प्रदुषण के सम्पर्क में रहने पर भी ये समस्या होती है। शरीर में कही भी सिस्ट या ट्यूमर होने पर भी ये सम्भव है। अगर 8 साल से 12 साल की उम्र के बीच किसी बालिका के शरीर में तेजी से परिवर्तन हो तो मुश...