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Showing posts from July, 2023

महाराणा प्रताप ट्रेल सज्जनगढ़ उदयपुर

महाराणा प्रताप ट्रेल सज्जनगढ़ उदयपुर में इको ट्रेल 30 नवम्बर को राजस्थान वन विभाग उदयपुर डिविजन तथा WWF-India उदयपुर डिविजन के सानिध्य में महाराणा प्रताप ट्रेल सज्जनगढ़ उदयपुर में इको ट्रेल की गई, जिसमें WWF-India के स्टेट काॅर्डिनेटर श्रीमान अरूण सोनी तथा वन विभाग कीे ओर से डाॅ. सतीश कुमार शर्मा, सेवानिवृत्त अधिकारी मौजूद थे। मुझे भी इस इको ट्रेल में जाने का सुअवसर प्राप्त हुआ, जो गोरीला व्यू पाॅइंट से बड़ी-लेक व्यू पाॅइंट तक की गई इसमें मुझे विज्ञान की एक नई शाखा के बारे में पता चला, जिसे टट्टी विज्ञान कहा जाता है। सुनने में आपको थोड़ा अजीब लगेगा, मुझे भी सुनकर हैरानी हुई, परन्तु वास्तव में एक ऐसा भी विज्ञान है, जिसके बारे में डाॅ. सतीश शर्मा ने बड़े ही विस्तार पूर्वक बताया कि किस प्रकार वनों में जानवरों की टट्टी देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि यहां कौनसा जानवर आया था। जानवरों की टट्टी कितनी पुरानी है, वह गीली है या सूखी है। इसी के आधार पर उस विशेष जंगल में कौन-कौनसे जानवर विचरण करते हैं, उसके बारे में वन विज्ञान के कर्मचारी पता लगा लेते हैं। जानवरों की टट्टी का विश्लेषण करके यह पता लगा...

कबीर दास जी के दोहे | Kabir's Couplets

कबीर दास जी के दोहे कबीरदास जी आज हमारे बीच में नहीं हैं परन्तु उनके दोहों में कई गूढ़ बाते हैं जो हमें जिन्दगी की सच्चाई से रूबरू कराती हैं। इस लेख में कबीरदास जी के उन्हीं दोहों को दिया गया है। कबीर नौबत आपणी, दिन दस लेहु बजाइ। ए पुर पाटन, ए गली, बहुरि न देखै आइ॥ जो तूं ब्राह्मण, ब्राह्मणी का जाया। आन बाट काहे नहीं आया॥ पाथर पूजे हरी मिले, तो मै पूजू पहाड़। घर की चक्की कोई न पूजे, जाको पीस खाए संसार॥ माटी का एक नाग बनाके, पुजे लोग लुगाया। जिंदा नाग जब घर मे निकले, ले लाठी धमकाया॥ लाडू लावन लापसी, पूजा चढ़े अपार। पूजी पुजारी ले गया, मूरत के मुह छार॥ उजला कपड़ा पहरि करि, पान सुपारी खाहिं। एकै हरि के नाव बिन, बाँधे जमपुरि जाहिं॥ ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोये। औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए॥ ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोये। औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए॥ कबीर सुता क्या करे, जागी न जपे मुरारी। एक दिन तू भी ...